यह सरकार अहंकार में डूबी है। इसकी वास्तविकता बताने जनता की अदालत में हम जा रहे हैं। अपील की कि सरकार को उखाड़ फेंकने में सब मिलकर आगे आएं। सिंह ने कहा, इस बार पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ माहौल है, कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। सब मिलकर ऊर्जा के साथ काम करें। जिले की चारों सीटे जीतने का दावा किया।
सरकार की नीतियों से तंग किसान दे रहा जान
पूर्व मंत्री इंद्रजीत कुमार ने कहा, प्रदेश में सरकार तो दलाल और लुटेरे चला रहे हैं। पूंजी-पतियों और बिल्डर्स के इशारे पर पूरा काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पंचायतों का अधिकार इस सरकार ने खत्म कर दिया। आम जन गरीब, किसान सरकार की नीतियों से तंग आकर आत्महत्या करने को मजबूर हैं। इसके अलावा सभा को सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल, कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद सिंह, युका अध्यक्ष रंजना मिश्रा सहित अन्य ने संबोधित किया।
पूर्व मंत्री इंद्रजीत कुमार ने कहा, प्रदेश में सरकार तो दलाल और लुटेरे चला रहे हैं। पूंजी-पतियों और बिल्डर्स के इशारे पर पूरा काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पंचायतों का अधिकार इस सरकार ने खत्म कर दिया। आम जन गरीब, किसान सरकार की नीतियों से तंग आकर आत्महत्या करने को मजबूर हैं। इसके अलावा सभा को सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल, कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद सिंह, युका अध्यक्ष रंजना मिश्रा सहित अन्य ने संबोधित किया।
कार्यालयों में करनी पड़ती है चढ़ोत्तरी
सिंगरौली में नेता प्रतिपक्ष ने भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में शासकीय कार्यालयों में दुकानें खुल गई हैं। यहां कोई गरीब अपने काम के लिए जाता है तो बिना चढ़ोत्तरी दिए उसका काम नहीं होता। कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को काम होता है लेकिन आम गरीब लोगों की कोई सुन नहीं रहा है। कहा कि गरीब रेखा की सूची में नाम जोडऩा हो या फिर खाद्यान्न पर्ची हो हर जगह गरीबों को चढ़ोत्तरी करनी पड़ रही है।
सिंगरौली में नेता प्रतिपक्ष ने भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में शासकीय कार्यालयों में दुकानें खुल गई हैं। यहां कोई गरीब अपने काम के लिए जाता है तो बिना चढ़ोत्तरी दिए उसका काम नहीं होता। कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को काम होता है लेकिन आम गरीब लोगों की कोई सुन नहीं रहा है। कहा कि गरीब रेखा की सूची में नाम जोडऩा हो या फिर खाद्यान्न पर्ची हो हर जगह गरीबों को चढ़ोत्तरी करनी पड़ रही है।