scriptइस डीपीसी की शुरू हुई लोकायुक्त जांच, मचा हड़कंप | This DPC started Lokayukta probe, stirred up | Patrika News

इस डीपीसी की शुरू हुई लोकायुक्त जांच, मचा हड़कंप

locationसीधीPublished: Jan 10, 2019 10:48:35 pm

Submitted by:

suresh mishra

12 वर्षो से पात्रता ना होने के बावजूद भी पद पर रहकर करते रहे अनियमितता, जांच होने पर बहुत बड़े घोटाले का फर्दाफाश हो सकता है।

sidhi news

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सीधी। सीधी अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मूलन संगठन के प्रदेश प्रभारी एवं आरटीआई कार्यकर्ता नर्मदा प्रसाद सोनी ने बताया कि जिला शिक्षा कंेद्र सीधी में पदस्थ जिला परियोजना समन्वयक केएम द्विवेदी के सिंगरौली जिले में पदस्थपना के दौरान किए गए कई मामलों मे भ्रष्टाचार एवं गवन के मामले में लोकायुक्त संगठन की रीवा शाखा द्वारा जांच शुरू कर दी है। जिसकी पेसी विगत 18 एवं 19 दिसंबर को थी।19 दिसंबर को केएन द्विवेदी लोकायुक्त शाखा रीवा में पेस हुए। द्विवेदी का मूल पद हाई स्कूल प्राचार्य है जो प्रतिनियुक्ति के नियमों के विरुद्ध 12 वर्षो से डीपीसी पद पर बने हंै।
लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर द्विवेदी को अपने आदेश क्र-स्थापना/क्र/सर्त/सी/58/सीधी 2017/2329 दिनांक 18 अक्टूबर 2017 के तहत द्विवेदी को निलगिंत कर विभागी जांच कराए जाने का आदेश दिया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा भ्रष्टाचार कर आरोपो की द्विवेदी की विभागी जांच क्र/स्था-1/सर्त/डी/58/सिंगरौली/2018/1584 भोपाल 24 सितंबर 2018 के तहत जांच अधिकारी संयुक्त संचालक रीवा को नियुक्त किया गया है। उक्त प्रकरण में प्रस्तुत कारण जिला शिक्षा अधिकारी जिला सिगरौली को बनाया गया है। जहां से विभागीय जांच की जा रही है। द्विवेदी द्वारा 2013 में बिना प्रशासकीय स्वीकृत के अपने स्वयं के हस्ताक्षर से शालाओं के फर्जी मरम्मत हेतु स्टेट बैंक की मुख्य शाखा सीधी को पत्र लिखकर १० लाख ९८ हजार रूपए पंचायतो के खातो के जमा कराकर बिना मरम्मत कराए पंचायतों सें साठ गांठ कर राशि का बंदर बांट कर लिया गया है। जिसकी पोर्टल पर फीडिंग एवं उक्त निमार्ण की एमबी आज दिनांक तक पूर्ण नही की गई है। द्विवेदी द्वारा सिंगरौली जिले के प्रभार रहते हुए १२ लाख १५ हजार रूपए का भ्रष्टाचार किया गया है। इसमे तत्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्रा जिला सिंगरौली द्वारा राशि वसूली के लिए कलेक्टर जिला सीधी को वसूली के लिए लेख किया गया। जिस पर राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा भी वसूली के लिए कलेक्टर सीधी को पत्र लिखा गया। इसी तरह कस्तूरबा बालिका छात्रावासों में वायोमैट्रिक मशीनों एवं अन्य खरीदी में भ्रष्टाचार किया गया है। इसी तरह जिला शिक्षा केंद्र में कई तरह के भ्रष्टाचार के कार्य किए गए है। जांच होने पर बहुत बड़े घोटाले का फर्दाफाश हो सकता है। शिकायतों के आधार पर राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा कलेक्टर सीधी को कई पत्र लिखे गए, जिसमें आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नही हुई।
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