-मझौली जनपद अंतर्गत गिजवार से उड़ैसा पहुंच मार्ग का मामला -बारिश में कीचड़ से सन जाता है मार्ग, आवाजाही में हो रही परेशानी
कीचड़ से सने मझौली जनपद अंतर्गत गिजवार से उड़ैसा पहुंच मार्ग पर चंदे से हो रहा निर्माण कार्य
सीधी/गिजवार. मझौली क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में सड़कों की हालत खस्ता है। अरसे से ग्रामीण खस्ताहाल सड़कों की मरम्त की मांग कर रहे हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। जनप्रतिनिधियों ने भी इस ओर से मुख मोड़ लिया है। आलम यह है कि हल्की बारिश भी हो जाए तो इन रास्तों पर जलना दुर्घटना को दावत देना है। कीचड़ और फिसलन के चलते रोजाना दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में जब कहीं कोई सुनवाई नही हुई तो ग्रामीणो ने खुद ही आपस में चंदा कर सड़क निर्माण शुरू करा दिया।
कुछ इसी तरह की समस्या गिजवार हायर सेकेंडरी विद्यालय से उडै़सा पहुंच मार्ग की है, जिसकी दूरी लगभग 7 किलोमीटर है। यह मार्ग करीब एक दशक से जर्जर स्थिति में है। इसमें ग्राम पंचायत गिजवार के लगभग आधा दर्जन मोहल्ले जिसकी आबादी तकरीबन 1000 के ऊपर है के लोग खस्ताहाल सड़कों से तंग आ चुके हैं। क्षेत्र में हो रही सप्ताह भर से लगातार बारिश ने ग्रामीणों के मुसीबत को और भी बढ़ा दिया है। लोगों को आने-जाने में घुटने भर कीचड़ से होकर गुजरना पड़ रहा है।
IMAGE CREDIT: पत्रिका ग्रामीणों ने कई बार ग्राम पंचायत से सड़क निर्माण व मरम्मतीकरण की मांग की, लेकिन जिम्मेदारों ने लोक निर्माण विभाग के अधीन सड़क होना बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। हालांकि सच्चाई यह है की गत वर्ष इसी सड़क मार्ग पर 14वें वित्त आयोग योजना के तहत तीन लाख की लागत से, ग्राम स्वराज योजना के तहत 3,00000 रुपये की लागत से, व पंच परमेश्वर योजना के तहत 300000 की लागत से ही एक-एक पुलिया का निर्माण भी कराया जा चुका है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन तीनों पुलियों की कोई आवश्यकता नहीं रही। सिर्फ आपसी बंदरबांट के लिए ग्राम पंचायत ने पुलियों का निर्माण कराया।
ग्रामीणों का आरोप है कि इन पुलियों के निर्माण के दौरान निर्माण सामग्री ढोने वाले भारी वाहनों के आवागमन के चलते पहले से ही जर्जर सड़क की हालत और भी बदतर हो गई। आलम यह है कि सड़क में जगह-जगह एक से दो फीट गहरे गड्ढे बन गए हैं। अब जब ग्रामीणों द्वारा सड़क के मरम्मतीकरण की बात कही जा रही है तो ग्राम पंचायत द्वारा सड़क को पीडब्ल्यूडी विभाग का बताया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है की जब उक्त मार्ग पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीन था तो क्या पंचायत मद के पैसों का उपयोग किया जाना उचित है। बहरहाल सच्चाई जो भी हो लेकिन सड़क की बदतर हालात के कारण ग्रामीणों को अनेकों मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
समाजसेवी संगठन द्वारा भी किया जा चुका है प्रयास सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर क्षेत्र में सक्रिय संगठन युवा एकता मंच सेवा समिति द्वारा बीते दिनों जिले के कलेक्टर को भी पत्र लिखकर अवगत कराया जा चुका है, साथ ही मांग की गई थी ग्राम पंचायत गिजवार के करीब आधा दर्जन मोहल्ले के निवासियों को हो रही आवागमन की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए समस्या का निदान किया जाए। किंतु आज तक स्थिति जस की तस बनी हुई है, जिसे देखते हुए थक हार कर ग्रामीणों द्वारा निर्णय लिया गया कि स्वयं चंदा करके गिट्टी मुरूम की व्यवस्था बनाकर श्रमदान द्वारा सड़क का मुरुमीकरण किया जाए। इस सिलसिले में आज ग्रामीण एकजुट होकर आगे आए तथा सैकड़ों युवा अपना योगदान दे रहे हैं।
ग्रामीणों ने सुनाया दर्द “इस सड़क का का कभी कोई मरम्मतीकरण नहीं हुआ है, शाम को जब घर लौटता हूं तो दिखाई भी नहीं देता, चलने में बहुत दिक्कत होती है।” -सूर्यभान साहू, ग्रामीण
“घर के सामने गड्ढे हैं, हमें और हमारे बच्चो को सुबह-शाम आने जाने में दिक्कत होती है, इसलिए हम अपने खेत से मुरूम लाकर स्वयं पाट रहे हैं।”-राममिलन साहू, ग्रामीण “हम औरतों को घर से निकलना मुश्किल हो जाता है, जब बारिश होती है तो और अधिक दिक्कत होती है। लोग घायल होते रहते हैं।”- गीता साहू, ग्रामीण
“हम और हमारा परिवार खेत में काम करने जाते हैं, थोड़ी भी बारिश होती है तो सड़क कीचड़ से सन जाती है, आने जाने में दिक्कत होती है इसलिए आपने घर के सामने सड़क सुधार रहे हैं।”-चूड़ामणि साहू, ग्रामीण
“शासन-प्रशासन से गुहार लगा कर कुछ नहीं हुआ, अब संगठन एवं ग्रामीणों के सहयोग से सड़क के लिए चंदा इक_ा कर मुरूम गिरवाया जा रहा है और सड़क मरम्मती करण कराया जा रहा है।”-धनेश गौतम, अध्यक्ष गिजवार एकता मंच
कोट “यह सड़क पीडब्ल्यूडी विभाग की है या नहीं इसको पता करके बता पाऊंगी। अभी मेरी जानकारी में नहीं है।”-स्तुति गौतम,एसडीओ, लोक निर्माण विभाग मड़वास “अभी मैं बाहर हूं, मामले को दिखाना पड़ेगा, जानकारी लेकर बता पाऊंगा।”- रजनीश तिवारी, सीईओ जनपद पंचायत मझौली