scriptजिले में अव्यवस्थाओं के बीच संचालित हो रहीं पूर्व माध्यमिक शाला, स्कूल की जर्जर छत से टपक रहे पानी, जिम्मेदार मौन | Water dripping from the school's shabby roof, responsible silence | Patrika News

जिले में अव्यवस्थाओं के बीच संचालित हो रहीं पूर्व माध्यमिक शाला, स्कूल की जर्जर छत से टपक रहे पानी, जिम्मेदार मौन

locationसीधीPublished: Aug 11, 2019 06:25:59 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

जर्जर छत कभी भी हो सकती है धराशायी

Water dripping from the school's shabby roof, responsible silence

Water dripping from the school’s shabby roof, responsible silence

पथरौला/सीधी. जनपद पंचायत मझौली के संकुल केंद्र मड़वास अंतर्गत संचालित होने वाली शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय धनौर अव्यवस्थाओं के बीच संचालित हो रही है। इस विद्यालय मे पदस्थ शिक्षकों को सुबह शाला में पहुंचते ही दस टोकरी मवेशियों का गोबर सहित शराब की बोतलें आदि फंेकना पड़ता है। साथ ही प्राथमिक शाला का भवन इतना जर्जर हो गया है कि किसी भी समय ध्वस्त हो सकता है, और पूरे छत से पानी टपकता रहता है, जिसके कारण सभी कमरों में पानी भर जाता है।
बारिश में पूरे छत से पानी टपकता है
शाला में पदस्थ प्रधानाध्यापक रामकरण पांडेय ने बताया कि विद्यालय भवन मे बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण गांवभर के आवारा पशु स्कूल के खुले बरामदे में रातभर डेरा जमाए रहते हंै। जिससे बरामदे का फर्श तो टूटता ही है साथ ही पूरे परिसर पर पशुओं के द्वारा गोबर कर दिया जाता है और स्कूल में भृत्य नहीं होने के कारण गोबर की सफाई हम लोगों को करना पड़ता है।
स्कूल परिसर में नशेड़ी शराब की बोतलें फेंकते हैं
इतना ही नहीं नसेेडिय़ों द्वारा परिसर में बैठकर मादक पदार्थों का सेवन कर अवशेष वहीं फेंक दिया जाता है, जिसको शिक्षकों द्वारा ही सुबह फंेका जाता है। प्रधानाध्यापक पांडेय ने प्राथमिक शाला का भवन दिखाते हुए बताया कि भवन के पूरे छत से पानी टपकता है, जिससे पूरे कमरे में पानी भर जाता है। बताया कि छत का मलवा भी बच्चों के सिर पर गिरता है।
क्लास के समय बच्चों को अनहोनी का डर
इसीलिए किसी अनहोनी को डर के कारण प्राथमिक के छात्रों को माध्यमिक शाला भवन में एक साथ ही बैठाना पड़ता है। चूंकि भवन में महज तीन कमरे होने से आठ कक्षाओं के बच्चों को एक साथ बैठाने से पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। बताया गया कि गत वर्ष तकरीबन आधा सैकड़ा पौधे रोपे गए थे। किंतु बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण एक भी पौधे नहीं बच पाए हैं। ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन से स्कूल मे भवन सहित बाउंड्रीवाल व किचन शेड निर्माण करवाने की मांग की गई है।
नहीं है किचन शेड
बताया कि विद्यालय अंतर्गत पूर्व में टीन वाला किचन शेड का निर्माण करवाया गया था। लेकिन सीट आदि हवा में उड़ जाने के कारण अब वह पूरी तरह से छतिग्रस्त हो गया है। अत: मध्याह्न भोजन जर्जर अतिरिक्त कक्ष में पकाया जाता है। बताया कि भवन छतिग्रस्त होने के कारण भोजन में सफाई नहीं रहती है। हवा व बारिश के कारण भोजन मे कचरा पड़ जाता है, और भोजन किरकिरा हो जाता है। जिससे मजबूरन बच्चे खाना फंेक देते हैं।
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