हालांकि इसकी तैयारी विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है, और पहाड़ी अंचल के हैंडपंपों में रायजर पाइप लगाने की तैयारी की जा रही है, क्योंकि ऐसे क्षेत्रों मे पेयजल संकट गहराने के ज्यादा आसार नजर आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बारिश के मौसम में इस वर्ष जिले मे अच्छी बारिश हुई थी, जिले की औसत बारिश से करीब डेढ़ गुना ज्यादा बारिश होने से लोगों ने उम्मीद की थी कि जिले का जल स्तर काफी ऊपर आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ अच्छी बारिश के बावजूद जिले के स्तर मे कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं हो पाई, और गत वर्ष की तरह ही मार्च माह की स्थिति मे जिले का जल स्तर पंद्रह मीटर के आस-पास ही रह गया।
पड़ेगी रायजर पाइप की आवश्यकता
जिस गति से प्रति माह जिले का जल स्तर गिर रहा है, उससे तेज गर्मी एवं धूप मे और भी तेज गति से जल स्तर नीचे गिरने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे मे जिले 75 के हैंडपंप सूख जाएंगे और उन्हे पुर्नजीवित करने के लिए रायजर पाइप की आवश्यकता पड़ेगी। जिले के औसत जल स्तर मे गिरावट का दौर शुरू हो गया है, पहाड़ी अंचलों मे जल स्तर ज्यादा तेजी के साथ नीचे जा रहा है। ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जा रहा है, यहां के हँडपंपों मे अतिरिक्त रायजर पाइप लगवाए जाएंगे ताकि पेयजल की दिक्कत न हों।
इसलिए नहीं बढ़ा जल स्तर
लोक स्वास्थ्य यांत्रकीय विभाग के अधिकारी बताते हैं कि बारिश के मौसम में जिले के औसत बारिश से करीब डेढ़ गुना से भी ज्यादा बारिश तो हुई लेकिन यह बारिश एक साथ हुई जिससे बारिश का ज्यादातर पानी तेज बहाव के साथ बह गया। यदि रुक-रुक कर बारिश का दौर चला होता तो वह पानी जमीन सोखती जिससे जिले का जल स्तर ऊपर आ जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसकी वजह से जिले के जल स्तर में कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं हुई।