scriptप्रशासनिक लापरवाही की हदः मुंबई से आने वाले श्रमिकों का बुरा हाल, आंधी तूफान में जैसे तैसे गुजारी रात | Workers kept wet in storm water all night Did not even get food | Patrika News

प्रशासनिक लापरवाही की हदः मुंबई से आने वाले श्रमिकों का बुरा हाल, आंधी तूफान में जैसे तैसे गुजारी रात

locationसीधीPublished: May 29, 2020 02:06:56 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-बस चालक भी हवाई पट्टी पर छोड़ भाग खड़ा हुआ
 

प्रवासी मजदूर प्रतीकात्मक फोटो

प्रवासी मजदूर प्रतीकात्मक फोटो

सीधी. एक तरफ तो पूरे दमखम के साथ ये दावा किया जा रहा है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन बाहर से आने वाले लोगों संग कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। उनकी हर परेशानी दूर की जा रही है। लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा। आलम यह है कि जिन संसाधनों से लोगो को लाया जा रहा वो कहीं भी उतार कर भाग खड़े हो रहे हैं और जिला प्रशासन भी उन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। नतीजा वो जैसे तैसे गुजर करने को विवश हैं।
अब सीधी की ही बात लें तो शासन की ओर से जिस बस से लोगो को सीधी लाने का इंतजाम किया गया था, वो उन्हें पनवार हवाई अड्डे पर छोड़ कर भाग गया। उसके बाद जिला प्रशासन ने भी अहले दर्जे की उदासीनता दिखाई। बस से उतरे लोगों के न खाने-पीने के बंदोबस्त न रहने का।
इन श्रमिकों से मिली टीम पत्रिका। बातचीत में इन मजदूरों (कन्हैयालाल जायसवाल, सुरेश नामदेव, राजेंद्र प्रसाद वर्मा) से जिस तरह से आपबीती बताई वह सुन कर दिल कांप उठता है। उन्होंने बताया कि हम लोगों को रीवा रेलवे स्टेशन से रात में पनवार हवाई अड्डा ला कर छोड़ दिया गया। यहां एक पंडाल जरूर लगा था लेकिन उसके अलावा कोई इंतजाम नहीं था। हम लोगों ने पूरी रात भूखे-प्यासे गुजारी। सुबह भी नाश्ता आदि का कोई इंतजाम नहीं। बस कुछ अधिकारी आए और फिर एक बस से रवाना कर दिया।
उन्होंने बताया कि पनवार हवाई अड्डे के पास जहां बस वाले ने छोड़ा था, वहां कुछ ही देर में तेज हवा के साथ बारिश भी हुई। तेज हवा के चलते पंडाल उखड़ गया। ऐसे में अब तो सिर छिपाने को भी जगह नहीं रही। हम लोग पूरी रात भींगते रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो