अब सीधी की ही बात लें तो शासन की ओर से जिस बस से लोगो को सीधी लाने का इंतजाम किया गया था, वो उन्हें पनवार हवाई अड्डे पर छोड़ कर भाग गया। उसके बाद जिला प्रशासन ने भी अहले दर्जे की उदासीनता दिखाई। बस से उतरे लोगों के न खाने-पीने के बंदोबस्त न रहने का।
इन श्रमिकों से मिली टीम पत्रिका। बातचीत में इन मजदूरों (कन्हैयालाल जायसवाल, सुरेश नामदेव, राजेंद्र प्रसाद वर्मा) से जिस तरह से आपबीती बताई वह सुन कर दिल कांप उठता है। उन्होंने बताया कि हम लोगों को रीवा रेलवे स्टेशन से रात में पनवार हवाई अड्डा ला कर छोड़ दिया गया। यहां एक पंडाल जरूर लगा था लेकिन उसके अलावा कोई इंतजाम नहीं था। हम लोगों ने पूरी रात भूखे-प्यासे गुजारी। सुबह भी नाश्ता आदि का कोई इंतजाम नहीं। बस कुछ अधिकारी आए और फिर एक बस से रवाना कर दिया।
उन्होंने बताया कि पनवार हवाई अड्डे के पास जहां बस वाले ने छोड़ा था, वहां कुछ ही देर में तेज हवा के साथ बारिश भी हुई। तेज हवा के चलते पंडाल उखड़ गया। ऐसे में अब तो सिर छिपाने को भी जगह नहीं रही। हम लोग पूरी रात भींगते रहे।