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नशे की तस्करी: पर्यटन स्थल या शिक्षा नगरी, हर जगह ‘उड़ता राजस्थान’

locationसीकरPublished: Dec 07, 2021 08:57:30 am

Submitted by:

Ashish Joshi

-ढाई साल में 20 हजार गिरफ्तार, प्रदेश में दर्ज हुए 16768 प्रकरण-पंजाब को भी छोड़ा पीछे, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के बाद शेखावाटी के युवा भी गिरफ्त में

नशे की तस्करी: पर्यटन स्थल या शिक्षा नगरी, हर जगह 'उड़ता राजस्थान'

नशे की तस्करी: पर्यटन स्थल या शिक्षा नगरी, हर जगह ‘उड़ता राजस्थान’

आशीष जोशी
सीकर. प्रदेश में नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार बढ़ रहा है। राजस्थान के युवा इन तस्करों के निशाने पर हैं। पिछले ढाई सालों में गंगानगर और हनुमानगढ़ में ही नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार (तस्करी) के चार हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। शेखावाटी के युवा भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। ढाई वर्ष में यहां भी 235 मामले सामने आए हैं। प्रदेश में जनवरी 2019 से अगस्त 2021 तक मादक पदार्थों की तस्करी के करीब 17 हजार मामले दर्ज हुए और 20 हजार से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो व सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार नशे के मामले में राजस्थान ने उड़ता पंजाब के नाम से चर्चाओं में आए पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है।

झीलों की नगरी में घुल रहा नशा
प्रदेश में पिछले ढाई वर्ष में नशीले पदार्थों की तस्करी के सबसे ज्यादा मामले उदयपुर में सामने आए हैं। यहां नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार के 2945 प्रकरण दर्ज हुए और तीन हजार से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार किए गए। उदयपुर समेत राज्य के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी नशे का अवैध कारोबार बढ़ा है। जयपुर जिले में ढाई वर्ष में 2091 व जोधपुर में 434 मामले सामने आए।

शिक्षा नगरी में भी चढ़ रहा सुरूर
पिछले ढाई वर्ष में शिक्षा नगरी कोटा और सीकर में भी मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ी है। कोटा में 392 और शेखावाटी के सीकर, चूरू और झुंझुनूं में 235 मामले दर्ज हुए हैं। बांसवाड़ा (21), सवाईमाधोपुर (24) और भिवाड़ी (32) में सबसे कम मामले सामने आए हैं।

पुलिस ने माना-हमारे वाहनों से तस्करों का पीछा करना मुश्किल
पिछले साल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक को लिखे पत्र में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध शाखा) ने माना था कि राजस्थान पुलिस के मुकाबले तस्करों के पास उन्नत श्रेणी के वाहन हैं। मादक पदार्थों की तस्करी के लिए तस्कर तेज गति वाले वाहनों के नवीनतम मॉडल का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस वाहनों से इनका पीछा करने में कई बार परेशानी आती है।

नशाखोरी में राजस्थान और यूपी नम्बर-1
नशाखोरी को लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के 272 जिलों में नशाखोरी काफी बढ़ गई है। राजस्थान और यूपी ने पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है। एनसीबी ने यह रिपोर्ट सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार 33-33 जिलों के साथ यूपी और राजस्थान पहले नंबर पर है। वहीं 18 जिलों के साथ पंजाब दूसरे और मध्य प्रदेश 15 जिलों के साथ तीसरे नंबर पर है।

नशे की तस्करी के टॉप 10 जिले
जिला – दर्ज मामले

उदयपुर – 2945
गंगानगर – 2143

हनुमानगढ़ – 1912
जयपुर – 2091

डूंगरपुर – 1420
बीकानेर – 1096

करौली – 808
धौलपुर – 633

जोधपुर – 434
कोटा – 392

(पिछले ढाई वर्ष में नशे के अवैध व्यापार के दर्ज मामलों पर आधारित)
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राज्य में चिंता इसलिए…
16768 प्रकरण दर्ज हुए ढाई साल में नशे के अवैध व्यापार के
20030 आरोपी गिरफ्तार हुए इन मामलों में

डीजीपी बोले-तस्करों पर बढ़ा पुलिस का शिकंजा
राजस्थान पुलिस के पास भले ही तस्करों जैसी अत्याधुनिक गाडिय़ों की कमी हो, लेकिन हमारे पास कानून की शक्तियां हैं। तस्कर हमसे एक कदम आगे भागते हैं तो पुलिस फोर्स उनसे दो कदम आगे हो जाती है। राज्य में ऐसे तस्करों को पकडऩे की कार्रवाई बढऩे को इस रूप में भी लेना चाहिए कि पुलिस पर इनका शिकंजा बढ़ा है।
एमएल लाठर, पुलिस महानिदेशक

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