पढऩे में था होशियार
मृतक के पिता सुरेश के अनुसार संदीप हंसमुख स्वभाव का था और पढ़ाई में होश्यिार था। 10वीं में भी उसके 86 फीसदी अंक आए थे। पढ़-लिख कर वह इंजीनियर बनना चाह रहा था और चार बहन-भाइयों में वह सबसे छोटा था। उसका बड़ा भी राजेश भी कम्प्यूटर इंजीनियर बनने के लिए बीसीए कर रहा है। सुरेश खुद लोगों के कपड़े सिलकर इनको पढ़ा रहा था।
तीन साल में चौथा हादसा
घटना के बाद धमाका होने पर आस-पास के लोग मौके पर जमा हो गए। स्थानीय निवासी नीलम व पवन का कहना था कि कॉलोनी में यह छह मंजिला इमारत चार-पांच सालों से सूनी पड़ी है। छत तक जाने का रास्ता खुला होने के कारण हर कोई यहां तक पहुंच जाता है। नगर परिषद को इस सूनी इमारत को पूरी तरह से सील कर देना चाहिए। इससे पहले भी इमारत से गिरने पर सेना भर्ती में आए एक अभ्यर्थी की मौत हो चुकी है और दो गिरकर घायल हो चुके हैं।
चौथी मंजिल से गिरी थी छात्रा
दिसंबर में सालासर रोड स्थित शिक्षण संस्थान में चौथी मंजिल से गिरने के कारण कक्षा 12वीं की छात्रा दीक्षा माथुर की मौत हो गई थी। मृतका के परिजनों के अनुसार घटना की जांच पुलिस अभी तक पूरा नहीं कर पाई है। जबकि उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी कब की पुलिस को मिल चुकी है। मामले में लीपापोती बरती जा रही है।
निष्पक्ष जांच की मांग
मृतक संदीप के परिजनों का कहना है कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता। ऐसे में वह छह मंजिला भवन से वह गिरा है या फिर उसे गिराया गया है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। क्योंकि घटना स्थल पर उसके जूते व जुराब खोले हुए मिले हैं। संदीप के गिरने की खबर भी उनको निजी स्कूल के स्टाफ से मिली थी।
परिजनों की रिपोर्ट पर संदीप की मृग दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मौके पर सुसाइड नोट और संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं। फटा हुआ परीक्षा का पेपर मिला है। जिसके छह प्रश्न छूट जाने पर छात्र अवसाद में आकर नीचे कूद गया था। -सौरभ तिवाड़ी, सीओ सीटी सीकर