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प्रदेश के 25 लाख से ज्यादा किसान बीमा से वंचित

locationसीकरPublished: Oct 07, 2019 06:37:26 pm

Submitted by:

Puran

एमओयू नहीं होने से किसानों को नहीं मिलेगी बीमा सुविधा

  नरेगा जॉब कार्ड मेन्टेन नहीं करने पर कलक्टर ने जताई नाराजगी

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सीकर. सहकारिता को बढ़ावा देने वाला सहकारिता विभाग किसानों की अनदेखी कर रहा है। इसकी बानगी है कि बीमा कंपनी और सहकारी विभाग के बीच एमओयू नहीं हुआ और सहकारी बैंक के ऋणी किसान बीमा सुविधा से वंचित हो गए। जिसका नतीजा है कि किसान अपने व्यक्तिगत सहकारी बैंक की ढील के कारण प्रदेश के 25 लाख से ज्यादा ऋणी किसान बीमा सुविधा से वंचित है। प्रदेश के किसानों को सहकारी बैंकों ने ऋण तो बांट दिए लेकिन इन किसानों को बीमा नहीं किया है। ऐसे में किसान बीमा करवाने के लिए व्यवस्थापकों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन बीमा कब शुरू होगा इसके लिए कोई दिशा निर्देश तक नहीं हैं। किसानों का कहना है कि बैंक की ओर से किसानों का बीमा नहीं करवाया जा रहा है, जबकि किसान बार-बार उनको बीमा करने के लिए कहते हैं। साथ ही यदि किसी किसान की मृत्यु हो गई तो उसको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा तो किसान के परिजन उनको दोषी ठहराएंगे।
यह है बीमा योजना

सहकारी बैंक में बीमा 18 से 79 वर्ष तक आयु वर्ग के ऋणी किसान सदस्य का किया जाता है, जिसके लिए निर्धारित प्रीमियम राशि जमा करवानी होती है। इससे संबंधित किसान का एक वर्ष के लिए जितना उसका ऋण है उस ऋण राशि का बीमा हो जाता है। किसान की दुर्घटना में अथवा सामान्य मृत्यु होने पर बीमा कंपनी की ओर से ऋण राशि का भुगतान किया जाता है। इसी प्रकार दुर्घटना बीमा 18 से 70 वर्ष तक के किसान का दस लाख रूपए का होता है। किसानों के होने वाले बीमा के लिए सरकार के स्तर पर बीमा कंपनियों से एमओयू होता है, जो अभी तक नहीं हुआ है।। यह सरकार के स्तर का मामला है।
इनका कहना है

यह सही है कि एमओयू नहीं होने से फिलहाल किसानों को बीमा योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। बीमा कंपनी के साथ एमओयू प्रदेश स्तर पर किया जाता है।
बीएल मीना, प्रबंध निदेशक, सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक

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