राजकीय उपक्रमों में भी काम आ सकेगा स्कोर
राज्य सरकार से संबंधित राजकीय उपक्रम, स्वायत्तशाषी संस्था, निगम, बोर्ड व बैंक आदि संस्थान भी कार्मिकों की नियुक्ति में समान पात्रता परीक्षा के अंकों का उपयोग कर सकेगी।
प्री परीक्षा की तर्ज पर होगी कॉमन परीक्षा, चयन के लिए दूसरी परीक्षा भी
कॉमन परीक्षा की गाइडलाइन लगभग तैयार हो चुकी है। इसके अनुसार स्नातक व बारहवीं कक्षा के अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग कॉमन परीक्षा कराई जाएगी। जब किसी विभाग की ओर से समान परीक्षा के दायरे में आने वाले पदों की भर्ती की विज्ञप्ति जारी होगी तो फिर इस परीक्षा की कट ऑफ घोषित कर आवेदन लिए जाएंगे। यह प्री परीक्षा का काम करेगी। मुख्य परीक्षा का आयोजन संबंधित भर्ती एजेन्सी या विभाग की ओर से किया जा सकेगा।
ऐसे समझें कॉमन परीक्षा को
ग्रेजुएट : जिलेदार, जूनियर एकाउंटेंट, टीआरए, टेक्स असिस्टेंट, डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज ऑफिसर, मैनेजर इंडस्ट्रीयल एस्टेट, इंडस्ट्रीज इंस्पेक्टर, सुपरवाइजर, कॉर्डिनेंटर ट्रेनिंग, कॉर्डिनेंटर सुपरवाइजर, डिप्टी जेलर, असिस्टेंट जेलर, पटवारी, विलेज डवलपमेंट ऑफिसर, हॉस्टल सुपरिटेंडेंट ग्रेड द्वितीय का पद।
सीनियर सैकंडरी : लेबोरेट्री इंचार्ज, फोरेस्टर, हॉस्टल सुपरिटेंडेंट, क्लर्क ग्रेड द्वितीय (आरपीएससी व सचिवालय), जूनियर असिस्टेंट, पंचायत राज में एलडीसी, जमादार ग्रेड द्वितीय का पद शामिल है।
ऐसे समझें फायदा-नुकसान
बेरोजगारों के साथ सरकार का फायदा
-पटवार भर्ती में इस बार 15 लाख से अधिक बेरोजगारों ने आवेदन किया। यदि इसमें कॉमन परीक्षा का पैटर्न लागू होता तो आधे ही अभ्यर्थी शामिल होते। सरकार को परीक्षा व्यवस्थाओं में कम पैसा खर्च करना पड़ता। बेरोजगारों को फीस नहीं देनी पड़ती।
-अभ्यर्थियों की संख्या कम होने से परीक्षा भी समय पर हो सकेगी।
…और ये साइड इफैक्ट
– यदि कॉमन परीक्षा समय पर नहीं हुई और प्रतियोगी परीक्षाएं लगातार हुई तो उस सत्र में स्नातक व बारहवीं पास करने वाले अभ्यर्थियों को नुकसान होगा।
-कॉमन परीक्षा के बाद दुबारा परीक्षा होने की वजह से अभ्यर्थियों को फिर से तैयारी करनी पड़ेगी। बेरोजगारों की मांग है कि सरकार को कॉमन परीक्षा के स्कोर के आधार पर ही उस सत्र में आने वाली भर्तियों में चयन करना चाहिए। केन्द्र सरकार इसी पैटर्न को मंजूरी देने की तैयारी में है।
जानिए सब कुछ
सवाल: क्या कॉमन परीक्षा में पास होने का मतलब है कि सीधे नौकरी मिल सकेगी?
जवाब: यह पात्रता परीक्षा है। इसके आधार पर अभ्यर्थी कॉमन परीक्षा के दायरे में आने वाली भर्तियों के लिए पात्र घोषित होगा। सीधे नौकरी नहीं मिलेगी।
सवाल: इस पैटर्न से सरकार को क्या फायदा होगा?
जवाब: फिलहाल पटवारी से लेकर एलडीसी भर्ती में लाखों बेरोजगार आवेदन करते हैं। इस वजह से सरकार को बड़े स्तर पर तैयारी करनी पड़ती है। कई बार ज्यादा अभ्यर्थियों की वजह से प्रश्न पत्र लीक सहित अन्य घटनाएं भी हो जाती है।
सवाल: कॉमन परीक्षा फॉर्मूले से अभ्यर्थियों को क्या फायदा?
जवाब: अभ्यर्थी को मौटे तौर पर तीन तरह से फायदा होगा। हर साल परीक्षाओं के लिए अलग से फीस नहीं देनी होगी। समय की भी बचत होगी। सीईटी के जरिए अपनी तैयारी का आंकलन भी कर सकेगा। परीक्षा हर साल होगी। अंक सुधार के लिए फिर से शामिल हो सकेंगे। सीईटी का स्कोर तीन साल तक वैध रहेगा।
सवाल: शिक्षक भर्ती वाले अभ्यर्थियों के लिए यह परीक्षा अनिवार्य है क्या?
जवाब: नहीं। राज्य सरकार ने फिलहाल शिक्षक भर्तियों को इस परीक्षा के दायरे में शामिल नहीं किया है।
सवाल: एक अभ्यर्थी परीक्षा में कितनी बार शामिल हो सकेंगे और आयु सीमा की क्या बाध्यता रहेगी?
जवाब: कॉमन परीक्षा में अभ्यर्थी कितनी बार भी शामिल हो सकेंगे। आयु सीमा की कोई बाध्यता नहीं रहेगी। जब संबंधित विभाग की ओर से भर्ती के संबंध में विज्ञप्ति जारी होगी तो उसमें नियमानुसार सभी वर्गों के लिए आयु निर्धारित की जाएगी।
सवाल: कॉमन परीक्षा का पाठ्यक्रम क्या रहेगा?
जवाब: कार्मिक विभाग ने इस परीक्षा को स्नातक व बारहवीं दो स्तर में बांटा है। सिलेबस भी दो भागों में बांटा जाएगा। फिलहाल पाठ्यक्रम को लेकर सरकार ने कुछ स्पष्ट नहीं किया है। सवाल बहुविकल्पीय पूछे जाएंगे।
सवाल: परीक्षा का आयोजन कौनसी एजेंसी करेगी?
जवाब: परीक्षा का जिम्मा सरकार ने फिलहाल राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को देने का निर्णय लिया है।
(जैसा कि भर्ती मामलों के विशेषज्ञ पवन भंवरिया ने पत्रिका को बताया)