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कड़ाके की सर्दी में फसलों ने ओढ़ी ‘रजाई’…5 बीघा खेत में बना डाली लो-टनल

locationसीकरPublished: Dec 05, 2019 06:04:45 pm

Submitted by:

Gaurav

डेढ़ डिग्री सेल्सियस तापमान में हाड़ कांपने लगे हैं। गर्म लबादों में व्यक्ति ही नहीं ब्लकि पौधों की सुरक्षा करना हमारा दायित्व है।

कड़ाके की सर्दी में फसलों ने ओढ़ी ‘रजाई’...5 बीघा खेत में बना डाली लो-टनल

कड़ाके की सर्दी में फसलों ने ओढ़ी ‘रजाई’…5 बीघा खेत में बना डाली लो-टनल

सीकर. शेखावाटी में सर्दी का कहर शुरू हो गया है। इसके साथ ही जिले में किसान अपनी खून पसीने की कमाई को बचाने की जुगत में लगे हुए हैं। सीकर के पास झिगर छोटी के किसान ने अपने खेत में फसल की सुरक्षा के लिए 5 बीघा में लो-टनल लगाई है। जिससे कड़ाके की सर्दी से फ सलों को बचाया जा सके।
मध्यरात्रि से अलसुबह तक तेज सर्दी के कारण पोर-पोर धूजने लगा है। खेतों में फसलों पर ओस की बूंदे जम गई। लोग सुबह अलाव का सहारा लेते नजर आए। बीती रात को भी कड़ाके की सर्दी रही।
चुभा रहीं नम हवाएं
पिछले 4 दिनों से खेतों में बर्फ की हल्की चादर नजर आ रही है। फसलों की सिंचाई के पाइपों में पानी जमने लगा है। दिन में तेज धूप खिल रही है लेकिन नम हवाएं शूल सी चुभ रही हैं। सूर्योदय के बाद हवाओं का रुख बदल रहा लेकिन दिन ढ़लते ही सर्दी का शिकंजा कसता जा रहा है। मौसम विशेषज्ञ ओपी कालश ने बताया कि हवाओं का रुख बदलने से फिलहाल तापमान में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
फसलों में फायदा, उद्यानिकी में नुकसान
सर्दी बढऩे से रबी की फसलों पर मिला-जुला असर होगा। कृषि विभाग के अनुसार यह फसलों के लिए फायदेमंद और उद्यानिकी के लिए वरदान बन गया है। अंकुरण की अवस्था में रबी की फसलों को ओस रूपी पानी मिलने से प्राकृतिक नाइट्रोजन मिल रही है। इससे फसलों का बेहतर उत्पादन मिलने की उम्मीद है।
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