33 फीसदी फसल में खराबा
फतेहपुर तहसील के वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ग्रामीण क्षेत्र के 93 हजार 649 लोग प्रभावित हुए हैं। फतेहपुर तहसील में 42,053 हैक्टर कृषि योग्य भूमि में से 34,330 हैक्टर भूमि पर फसल बोई गई। इसमे से 16 हजार 466 हैक्टर भूमि में 33 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल की फसल खराब हुई है। इलाके में करीबन 52.11 प्रतिशत क्षैत्रफल में फसल खराब हुई है। तहसील के 63 गावों में से 61 गांवों में फसले 33 प्रतिशत से अधिक खराब हो गई। शेष बचे दो गांवों में एक फतेहपुर कस्बा और दूसरा बीड़ क्षेत्र आता है, जहां कोई कृषि कार्य नहीं होता। वर्ष 2012 की पशु जनसंख्या के आधार पर तहसील के पशु भी फसल के खराब होने से प्रभावित हुए हैं।
किसानों को मिलेगा मुआवजा
अतिवृष्टि से तहसील के 29,539 एसएमएफ किसानों को 708.86 लाख और एसएफएफ के अलावा 5673 किसानों को 594.87 लाख कुल 35212 किसानों को खराबा का 13 करोड़ तीन लाख 73 हजार का मुआवजा राशि मिलने की उम्मीद बंधी है।
मुख्य मंत्री के दौरे का मिला फायदा
प्रशासन गांवों के संग अभियान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गांरींडा दौरे का किसानों को फायदा मिला है। विधाधर मील ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर क्षेत्र में अतिवृष्टि से फसल के खराबे की गिरदावरी करवाने तथा उचित मुआवजा दिलवाने की मांग की थी। अखिल भारतीय किसान सभा, किसान संघर्ष समिति सहित अन्य संगठनों ने भी मुख्यमंत्री को इस आशय का ज्ञापन सौंपा था।
केवल फतेहपुर को लाभ, बाकी जिले में नहीं हुई गिरदावरी
कलेक्टर की ओर से भेजी गई रिपोर्ट को देखा जाए तो जिलें में फतेहपुर तहसील के किसानों को ही खराबे का मुआवजा मिलेगा। जिले के 1203 गांवों में से 1142 गावों के ग्रामीण क्षेत्र के 22 लाख 72 हजार 369 लोगों में से 21 लाख 78 हजार 720 लोग इससे वंचित रहेगे। इसकी वजह है कि अन्य क्षेत्रों में खराबा 33 फीसदी से कम पाया गया है।
इनका कहना है…
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से तहसील में गिरदावरी करवाई गई है। क्षेत्र के 61 गांवों के लोगों को इसका फायदा मिलेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री के फतेहपुर दौरे के दौरान ज्ञापन दिया गया था। विधाधर मील,पूर्व सरपंच दांतरू