सरकार का तर्क: प्रस्तावों पर मंथन जारी
प्रदेश में नया जिला बनाने की मांग सड़क से लेकर सदन तक गूंजी है। जनता ने जहां सड़क पर आंदोलन कर अपनी मांग रखी, वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा में भी इस मांग को उठाया है। सरकार का कहना है कि नीति, प्रशासनिक आवश्यकताओं एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धताओं के आधार पर नए जिले के गठन के संबंध में निर्णय लिया जाता है। फिलहाल उच्च स्तरीय कमेटी के प्रस्तावों पर मंथन जारी है।
2008 के बाद नहीं बना कोई नया जिला
क्षेत्रफल के हिसाब से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां पर वर्तमान में 33 जिला मुख्यालय है। अंतिम जिला वर्ष 2008 में प्रतापगढ़ को बनाया गया था। इसके बाद सरकारें कोई निर्णय नहीं ले पाई। बड़े क्षेत्रफल वाले जिलों के लोग नया जिला मुख्यालय की मांग करते हैं।
जनता की मांग के ये तर्क
– लोगों का तर्क है कि इससे गांव-कस्बों से जिला मुख्यालय की दूरी कम होगी।
– सरकारी नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे और जिला मुख्यालय पर होने वाले कार्य जल्द होंगे।
– सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को जल्द मिलेगा।
शेखावाटी में यहां से है जिला बनाने की मांग
सरकार के पास पिछले 10 वर्ष में 24 जिलों के 50 कस्बों के नए जिले बनाने के प्रस्ताव व ज्ञापन आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा नागौर से पांच, जयपुर और गंगानगर से 4-4, सीकर, पाली, अजमेर, उदयपुर व भरतपुर से 3-3 कस्बों को नया जिला बनाने की मांग की गई है। शेखावाटी अचंल की स्थिति देखे तो सीकर में नीमकाथाना, फतेहपुर शेखावाटी और श्रीमाधोपुर को जिला बनाने की मंाग की गई है। वहीं चूरू में सुजानगढ़ और रतनगढ़ को जिला बनाने की मांग उठी है।