अब यूं होगा फायदा
प्रदेश स्तरीय बीमा योजना में हर साल तहसील स्तर पर कार्यालय तो खोल दिए जाते थे लेकिन आपदा के समय बीमा कंपनी के प्रतिनिधि नहीं मिलने से किसान को होने वाले नुकसान का सही आकलन नहीं हो पाता था। इससे उन्हें फसल का सही मुआवजा भी नहीं मिल पाता था। ऐसे में किसानों की परेशानी काफी बढ़ जाती थी। वह उचित मुआवजे के लिए विभागों के चक्कर ही काटते रह जाते थे। इसे देखते हुए इस बार कृषि विभाग के कार्यालय में बीमा कंपनी के प्रतिनिधि का मौजूद रहने की अनिवार्यता रखी गई है। जिससे किसान के नुकसान का सही आकलन हो और फसल कटाई प्रयोग भी तय समय पर हो। जिससे बीमित किसान को फायदा हो।