scriptपानी पूरी खाने घर से निकली 8 साल की बच्ची को देखकर परिजनों के उड़ गए होश | 8 child missing within 9 days in sikar report | Patrika News

पानी पूरी खाने घर से निकली 8 साल की बच्ची को देखकर परिजनों के उड़ गए होश

locationसीकरPublished: May 16, 2018 09:23:41 am

Submitted by:

Vinod Chauhan

पिछले नौ दिनों में आठ छोटे बच्चे घर से निकल कर लापता हो गए थे। जिनकी भनक इनके माता-पिता को भी नहीं लगी।

8 child missing within 9 days in sikar report

सीकर.

भागम-भाग की जिदंगी में माता-पिता की नजर अपने बच्चों पर ही कमजोर साबित हो रही है। इनकी अनदेखी में छोटे बच्चे घर से निकलकर गायब हो रहे हैं और उनकी पकड़ से दूर होकर कभी पुलिस तो कभी चाइल्ड लाइन के हाथ लग रहे हैं। स्थिति यह है कि पिछले नौ दिनों में आठ छोटे बच्चे घर से निकल कर लापता हो गए थे। जिनकी भनक इनके माता-पिता को भी नहीं लगी। गनीमत यह रही कि समय रहते यह बच्चे सुरक्षित हाथों में पहुंच गए। अन्यथा किसी बड़े हादसे का शिकार भी हो सकते थे। चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक सूर्य प्रकाश के अनुसार लावारिस मिले सभी बच्चों को वापस उनके घर तक पहुंचा दिया गया था। परिजनों को इनकी सही देखरेख की हिदायत दी गई थी।


खेल-खेल में निकले आगे
पांच मई को नवलगढ़ रोड, टैगौर स्कूल के पास पांच छोटे बच्चे लावारिस हालत में मिले। जो कि, खेल-खेल में अपने घर से निकल आए और आगे जाकर रास्ता भटक गए थे। इन सब की उम्र भी तीन से पांच साल के बीच की थी। इसके बाद सूचना पर चाइल्ड लाइन की टीम पर पहुंची और बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चों को पेश कर इनके घरवालों के सुपुर्द किया।


ट्रेन में चला गया दिल्ली
छह मई को रानोली क्षेत्र से एक 14 साल का बच्चा घर से निकल कर दिल्ली पहुंच गया था। इसके बाद दिल्ली में चाइल्ड लाइन के पदाधिकारियों ने यहां की टीम को सूचित कर बच्चे के बारे में जानकारी दी। फिर बाद में पुलिस को भेजकर बच्चे को वापस यहां लाया गया। जबकि बच्चे का कहना था कि उसके पापा जब नौकरी के लिए सुबह घर से निकले तो वह भी उनके पीछे निकल गया था। इसके बाद पापा तो आंखों से ओझल हो गए और वह रास्ता भटक कर ट्रेन में जा बैठा था।


पानी-पूरी खाने चली आई 4 किलोमीटर
आठ मई को हरदयालपुरा गांव में एक आठ साल की बच्ची बिना बताए घर से निकल पड़ी थी। घर से चार किलोमीटर दूर लावारिस हालत में मिली तो पूछने पर बताया वह पानी-पूरी खाने के लिए निकली थी। इधर, बच्ची को घर नहीं पाकर परिजनों के होश उड़ गए थे। बाद में पता चला कि बच्ची सुरक्षित है तो उनके जान में जान आई।


रोती मिली मासूम
13 मई को एक चार साल की बच्ची बिना परिजनों के बस डिपो के बाहर सडक़ पर राहगिर को रोती मिली थी। वह अपने पिता के साथ गांव से आई हुई थी और खाने की चीज लेने के लिए रात को बाहर सडक़ पर पहुंच गई थी। पिता का पता चला तो अगले दिन दोपहर को बच्ची को वापस उसके पिता के हवाले कर दिया गया।


अभिभावक जिम्मेदार
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की बढ़ रही घटनाओं के पीछे बच्चों के माता-पिता ही जिम्मेदार हैं। क्योंकि आधुनिकता के दौर व नौकरी, पेशे की भागदौड़ में वे अपने बच्चों को खोते जा रहे हैं। समाजशास्त्री अरविंद सिंह महला का कहना है कि आर्थिक तंगी व महंगाई के कारण माता-पिता पैसे कमाने में व्यस्त हैं और अपने बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में बच्चे को घर में अनौपचारिक माहौल मिलने के कारण वे भी कहीं दूर चले जाने की मंशा खातिर घर से निकल पड़ते हैं। सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव भी बच्चों को मजबूर कर रहा है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो