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15 लाख की लूट की रिपोर्ट, पुलिस जांच में निकली 90 लाख, बचने के लिए डिलीट किया व्हाट्सएप

locationसीकरPublished: Jul 15, 2019 11:57:47 am

Submitted by:

Vinod Chauhan

15 Lakh ( 90 Lakh ) Loot Case Sikar : 15 लाख से पुलिस की जांच में 90 लाख पहुंची लूट में पुलिस ने अभी तक काली कमाई का खुलासा नहीं किया है, लेकिन संबंधित कंपनी ने पुलिस को एक पत्र देकर अपने बचाव का जुगाड़ किया है।

15 Lakh ( 90 Lakh ) Loot Case Sikar : 15 लाख से पुलिस की जांच में 90 लाख पहुंची लूट में पुलिस ने अभी तक काली कमाई का खुलासा नहीं किया है, लेकिन संबंधित कंपनी ने पुलिस को एक पत्र देकर अपने बचाव का जुगाड़ किया है।

15 लाख की लूट की रिपोर्ट, पुलिस जांच में निकली 90 लाख, बचने के लिए डिलीट किया व्हाट्सप्प

सीकर.

15 Lakh ( 90 Lakh ) loot in Sikar : 15 लाख से पुलिस की जांच में 90 लाख पहुंची लूट में पुलिस ने अभी तक काली कमाई का खुलासा नहीं किया है, लेकिन संबंधित कंपनी ने पुलिस को एक पत्र देकर अपने बचाव का जुगाड़ किया है। पत्र में लूटकर ले जाई गई राशि 90 लाख रुपए बताई गई है। पुलिस ने चारों आरोपियों को रविवार को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया,जहां से वारदात के दौरान बाइक चला रहे आवेश उर्फ वसीम को पहचान परेड़ के लिए जेल भेज दिया गया। अन्य तीन आरोपियों को तीन दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

घर में जलाई फर्जी नंबर प्लेट
कोतवाल श्रीचंद ने बताया कि लूट के आरोपी मुनीम सालासर रोड स्थित मालियों का मोहल्ला निवासी रविशंकर उर्फ लालू सौनी, हुसैनगंज मोहल्ले के निवासी शरीफ उर्फ बॉबी और शरीफ अहमद ठेकेदार से पूछताछ की जा रही है। आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने लिए आवेश की बाइक पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई थी। जिसे बाद में घर में जला दिया गया। पुलिस आरोपियों को साथ लेकर वारदात की योजना बनाने से लेकर अंजाम देने तक का रूट चार्ट फुटेज के आधार पर तस्दीक करेगी।


लूट की रकम चार दिन में हुई तय ( Looted in Sikar )
लूट रकम 15 लाख की बजाय 90 लाख थी। कंपनी ने यह तय करने में चार दिन से अधिक समय लगा दिया। वारदात आठ जुलाई को दोपहर बाद हुई थी। उस दौरान लूट में गई रकम 15 लाख बताई गई थी। इसके बाद 12 जुलाई को भवानी इंटरप्राइजेंस कंपनी के भागीदार शहर के पोलोग्राउंड क्षेत्र के निवासी महेन्द्र कुमार तोदी की ओर से दिए गए पत्र में बताया गया है कि लूट में गई रकम 90 लाख रुपए थी। इनमें से भवानी इंटरप्राइजेंस के 75 लाख और उसकी सिस्टर फर्म भवानी सैल्स के 15 लाख रुपए थे। सारी रकम दो हजार रुपए के नोट में थी और गड्डियों पर फर्म की सील लगी हुई है। वारदात के चार दिन बाद पत्र देने से कंपनी सवालों के घेरे में हैं। इधर, सीकर पुलिस ने भी रकम हवाला या काले कारोबार की होने से इनकार नहीं किया है।

 

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तलाश में जयपुर में पुलिस का डेरा ( crime in Sikar )
वारदात के फरार अपराधी हुसैन उर्फ अज्जू पहलवान की गिरफ्तारी के लिए सीकर पुलिस की टीम ने जयपुर में डेरा डाल रखा है। वह अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। अज्जू पहलवान शातिर अपराधी है और स्वयं को उसने एसी ठीक करने का मिस्त्री बता रखा है। पुलिस ने मोबाइल मांगा तो वाट्सअप कर दिया डिलीट मुनीम रविशंकर ने पुलिस से बचने के लिए काफी जतन किए। पुलिस ने उसका मोबाइल मांगा तो उसने वाट्सअप डिलीट कर दे दिया। इस दौरान उसने यह भी कहा कि सेठ ने डिलीट करवाया था। पुलिस ने कंपनी से जुड़े कुछ लोगों के मोबाइल भी ले लिए। पुलिस ने वाट्सअप की डिलीट की हुई चेटिंग भी रिकवर करवा ली। रविशंकर के साथियों के मोबाइल नंबर हाथ लग गए। आरोपियों ने पैसे अपने घरों में अलमारी और बैग में छिपाकर रखे थे। इसकी जानकारी उन्होंने परिजनों को भी नहीं दी।

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