चप्पल में डिवाइस व कान में माइक्रोफोन से नकल
नीमकाथाना में भूदोली रोड स्थित गंगा बाल विद्या मंदिर में बीकानेर के नोखा का पांचू निवासी 25 वर्षीय उदाराम पुत्र सुल्लतानाराम गोदारा ब्लूटूथ से नकल करता पकड़ा गया। उसने कानों में माइक्रो इयर फोन व चप्पल में इलेक्ट्रिक डिवाइस लगा रखी थी। कोतवाल राजेश डूडी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी को परीक्षा सेंटर पर उत्तर बताने का कार्य बीकानेर से चल रहा था। परीक्षा सेंटर के बाहर भी गाड़ी में एक शख्स बैठा था। जो मौके से फरार हो गया। अरोपी ने नकल के लिए 8 लाख रुपए में सौदा तय होना बताकर एक लाख रुपए पेशगी के दिया जाना कबूला है। आरोपी के बताए अनुसार पुलिस गैंग के सदस्य बीकानेर निवासी तुलसाराम, मदन व चुन्नीलाल की तलाश में जुटी है।
प्रश्न पत्र देख दूर हुआ तनाव
अभ्यर्थियों के मुताबिक रीट के दोनों प्रश्न पत्र सरल रहे। जिन्हें हल करने में कोई खासी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। परीक्षा में शेखावाटी से जुड़े भी दो सवाल पूछे गए। सरल प्रश्न पत्रों को देखते हुए अभ्यर्थियों को मेरिट भी उच्च रहने की संभावना जताई है।
महिलाओं के उतरवाए गहने
नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्र पर महिलाओं के गहने भी उतरवाए गए। उनके मंगलसूत्र, नथ, कंगन के अलावा रबरबैंड, क्लचर और पुरुष अभ्यर्थियों के हाथों में बंधे डोरे और ब्रासलेट आदि भी खुलवा लिए गए।
आवभगत में लगे रहे सामाजिक संगठन
रीट परीक्षा की व्यवस्था में सामाजिक संगठनों की भी अहम भूमिका रही। छात्रों के आवास से लेकर भोजन व परीक्षा केंद्र तक आवागमन में इन संगठनों ने निशुल्क सुविधा मुहैया करवाई। बाहर से आए अभ्यर्थियों ने भी जिला प्रशासन व सामाजिक संगठनों की भूमिका को काफी सराहा।
देरी से पहुंचने पर परीक्षा से वंचित
जिलेभर में दर्जनों अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र पर देरी से पहुंचने पर वंचित हो गए। सीकर के एसके कॉलेज में ही पहली पारी में तीन युवतियां लापरवाही व प्रवेश द्वार की गफलत में परीक्षा से बाहर हो गई। जबकि दूसरी पारी में कुछ अभ्यर्थी देरी से पहुंचने पर परीक्षा से बाहर हो गए। इस दौरान कई अभ्यर्थियों की आंखों में आंसू आ गए। वे फूट फूटकर रोने लगे।
शाम को लगा भारी जाम, बसों में नहीं मिली जगह
रीट की दूसरी पारी की परीक्षा खत्म होने के बाद अभ्यर्थी जैसे ही परीक्षा केंद्रों से बाहर निकले वैसे ही शहर जाम में उलझना शुरू हो गया। जहां- तहां परीक्षार्थियों का रैला लग गया। रोडवेज डिपो पर भी हजारों अभ्यर्थियों का हुजूम उमडऩे से बसों की व्यवस्था चरमरा गई। बस तो दूर डिपो तक में पैर रखना मुश्किल सा हो गया।