जानकारी के अनुसार थोई की बड़ी ढाणी निवासी रामस्वरूप सैनी को लोगों ने सुबह करीब दस बजे थोई के किले की दीवार पर चढ़ा देखा। वह नीचे कूदने की कोशिश कर रहा था। लोगों ने आवाज लगाकर उसे रोकने का प्रयास किया। वह कुछ देर तो रुक गया, मगर थोड़ी ही देर बाद उसने देखते ही देखते किले से छलांग लगा दी। किला करीब 50 फीट ऊँचा है।
रामस्वरूप सैनी किले से छलांग लगाने के बाद झाड़ियों में दो बार फंसा और फिर नीचे आ गिरा। गनीमत यह रही कि इस दौरान रामस्वरूप के ज्यादा गंभीर चोट नहीं आई। उसका पैर फैक्चर हो गया और खून अधिक निकलने की वजह से वह घायल हो गया। जैसे ही रामस्वरूप किले से छलांग लगाने के बाद वह खाई में 40 फीट नीचे आ गिरा तो ढाणी के नरेश कुमावत व आस—पास के लोग वहां पहुंचे और एम्बुलेंस 108 को फोन करके बुलाया। एम्बुलेंस से उसे थोई सीएचसी पहुंचाया गया। वहां से चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे जयपुर रैफर कर दिया।
यह बताई जा रही वजह
यूं तो रामस्वरूप के किले से नीचे कूदने की कोई स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है, मगर बताया जा रहा है कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने और बेटा पैदा नहीं होने के कारण मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। रामस्वरूप के सिर्फ तीन बेटियां हैं।