सीकर

रिश्वत लेने से पहले बाहर देखने आया, रुपये लेकर हाथ भी धोए, फिर पकड़े जाने पर करने लगा रोने का ड्रामा

राजस्थान के सीकर जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा रिश्वत लेते पकड़ा गया दांतारामगढ़ की रूपगढ़ पंचायत का कनिष्ठ सहायक काफी शातिर था। रिश्वत लेने के दौरान उसने काफी चालाकी की दिखाई थी।

सीकरJul 28, 2020 / 03:34 pm

Sachin

रिश्वत लेने से पहले बाहर देखने आया, रुपये लेकर हाथ भी धोए, फिर पकड़े जाने पर करने लगा रोने का ड्रामा,रिश्वत लेने से पहले बाहर देखने आया, रुपये लेकर हाथ भी धोए, फिर पकड़े जाने पर करने लगा रोने का ड्रामा

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा रिश्वत लेते पकड़ा गया दांतारामगढ़ की रूपगढ़ पंचायत का कनिष्ठ सहायक काफी शातिर था। रिश्वत लेने के दौरान उसने काफी चालाकी की दिखाई थी। परिवादी लक्ष्मीनारायण रुपए देने के लिए गया तो कनिष्ठ सहायक ने उसे कुछ देर रूकने के लिए कहा। इसके बाद वह खुद ऑफिस से बाहर बाथरूम करने के बहाने निकल कर देखने के लिए आया। आसपास देखने के बाद वह अंदर चला गया। तसल्ली होन के बाद उसने रूपए ले लिए। रुपए लेने के बाद वह बाथरूम चला गया और हाथ भी धोने लग गया। लेकिन, इसी बीच परिवादी का इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ऑफिस पहुंच गई और आरोपी माधोराम नायक एसीबी के धक्के चढ़ गया। इसके बाद भी उसने ड्रामा किया। पहले तो वह अगल-बगल में देखने लगा, फिर अचानक उसने रोना शुरू कर दिया। उसने एसीबी से दुबारा रिश्वत नहीं लेने की बात कहते हुए छोडऩे की गुहार भी लगाई। लेकिन, एसीबी ने उसकी एक ना सुनी।

आदतन रिश्वत खोर
जांच में पता लगा कि माधोराम आदतन रिश्वत खोर है। वह जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर अन्य सर्टिफिकेट में भी रिश्वत बिना काम नहीं करता था। एसीबी टीम माधोराम से पूछताछ में जुटी है।

यूं पकड़ा गया था आरोपी
गौरतलब है कि कनिष्ठ सहायक ने पड़ौसी परिवादी लक्ष्मीनारायण से प्रधानमंत्री शौचालय निर्माण योजना की 12 हजार रुपए की राशि स्वीकृत करने की एवज में 1500 रुपए की रिश्वत मांगी थी। डीएसपी जाकिर अख्तर ने बताया कि परिवादी लक्ष्मीनारायण निवासी इसकी शिकायत एसीबी में कर दी। जिसमें उसने बताया कि कई दिनों से कनिष्ठ सहायक माधोराम नायक वेरीफिकेशन व फाइल पास करने में आनाकानी कर रहा है। रिश्वत की मांग कर रहा है। इस पर एसीबी टीम ने शिकायत का सत्यापन करवाया। सत्यापन के दौरान उन्होंने पंद्रह सौ रुपए मांगे। इंस्पेक्टर सुरेश चौहान ने सत्यापन के बाद ट्रेप करने की योजना बनाई। सोमवार सुबह एसीबी की टीम रूपगढ पंचायत में पहुंच गई। फाइल की एवज में एक हजार रुपए देने पर सहमति बनी। रुपए लेने के बाद एसीबी ने कनिष्ठ सहायक को ट्रेप कर लिया।

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