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व्यस्क हुआ टिड्डी दल, अंडे देकर बढ़ सकता है प्रदेश का संकट

locationसीकरPublished: Jun 22, 2020 03:05:03 pm

(Adult grasshopper team can increase the state’s crisis) कोरोना वायरस और लॉकडाउन की मार झेल रहे किसानों के लिए टिड्डी दल बड़ी परेशानी बन गया है। शेखावाटी में पिछले एक महीने में दल आठ बार हमला कर चुका है। प्रदेश के लिए चिंता की बात है कि पीले रंग की टिड्डियां जो शुरु में छोटी थी, वह अब व्यस्क हो चुकी है।

व्यस्क हुआ टिड्डी दल, अंडे देकर बढ़ सकता है प्रदेश का संकट

व्यस्क हुआ टिड्डी दल, अंडे देकर बढ़ सकता है प्रदेश का संकट

सीकर. कोरोना वायरस और लॉकडाउन की मार झेल रहे किसानों के लिए टिड्डी दल बड़ी परेशानी बन गया है। शेखावाटी में पिछले एक महीने में दल आठ बार हमला कर चुका है। प्रदेश के लिए चिंता की बात है कि पीले रंग की टिड्डियां जो शुरु में छोटी थी, वह अब व्यस्क हो चुकी है। जो अंडे देकर अपनी संख्या बढ़ाकर फसलों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। ((Adult grasshopper team can increase the state’s crisis))रविवार को भी नागौर व चूरू से होते हुए सीकर में टिड्डी के पांच दलों ने प्रवेश किया। जो सीकर, दूजोद, गोकुलपुरा, रींगस, श्रीमाधोपुर इलाके में मंडराता रहा। दल के बैठने से पहले किसान पीपे, डीजे बजाते रहे। लेकिन, व्यस्क हुए टिड्डी दल ने फसलों व पेड़ों को नहीं छोड़ा। उन्हें उड़ाने के लिए किसान बर्तन से लेकर डीजे बजाते व पटाखे चलाते नजर आए। लेकिन, टिड्डी दल गांव में ही मंडराते रहे।


करोड़ों की फसलों पर संकट
पीले रंग की गुलाबी पंख वाली ऐसी टिड्डियां व्यस्क होने पर फसलों और वनस्पति को ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है। नागौर और चूरू से आने वाले ये दल इतने बडे हैं कि दल की आहट से संबंधित इलाके में अनजाना खौफ सता रहा है। किसानो ने बताया कि करीब ढाई दशक बाद पहली बार ये टिड्डी सीकर जिले में पहुंची है और ये संकट मानसून के आने तक चल सकता है। समय रहते इन पर काबू नहीं पाया जाता है तो ये करोडों रुपए की फसल को चट कर जाएगी।

एक माह से बना हुआ खतरा


प्रदेश में पिछले महीने से लगातार टिड्डी दल के हमले हो रहे हैं। इस खतरे को देखते हुए सरकार ने टिड्डी नियन्त्रण पर काम तो किया, लेकिन खतरा अभी भी पूरी तरह मिटा नहीं है। टिड्डी नियन्त्रण दल की अब तक की कार्रवाई के दौरान टिड्डियों को तो बड़ी संख्या में मार दिया है, लेकिन अब व्यस्क हो चुकी टिड्डी एक बार बैठने के बाद अंडे दे देगी। जिससे इनकी संख्या फिर बढऩे का खतरा है।

किसानो से मांगी मदद


टिड्डी की संख्या पर नियंत्रण के लिए कृषि विभाग ने किसानों की मदद मांगी है जिससे इतनी बडी आपदा से निपटा जा सके। कृषि उपनिदेशक एसआर कटारिया ने बताया कि टिड्डी दल आमतौर पर रात्रि आठ बजे से बैठना शुरू कर देता है और नियंत्रण भी पड़ाव वाली जगह ही किया जा सकता है। ऐसे में किसान पड़ाव स्थल की जानकारी रखें और समूह में रहकर इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए खेतों में पीपे, थाली और अन्य तेज आवाज वाले साधनों का इस्तेमाल करें। खडी फसल के पास हवा की दिशा से कचरे को थोडा-थोडा जलाकर धुंआ करें। फसलों और सब्जियों को नुकसान से बचाने के लिए क्लॉरोपॉयरीफॉस 50 ईसी का स्प्रे करे।

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