समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए जिले में सरसों के लिए 4462 किसान और चना के लिए 2994 किसानों ने पंजीयन करवाया था। खरीद के लिए सीकर, श्रीमाधोपुर, लक्ष्मणगढ केवीएसएस, फतेहपुर, दांतारामगढ पलसाना, नीमकाथाना में सात खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। इन केन्द्रों पर चना की 679 किसान और सरसों की 2625 किसानों से खरीद की गई है। जिसमें से चना के 414 किसानों का दो करोड 64 लाख 44 हजार और सरसों का दस करोड 35 लाख 64 हजार रुपया बकाया है।
खरीफ की फसल में किसानों को अधिक राशि की जरूरत होती है। इस सीजन में बारानी खेतों में बुवाई होती है। जिसमें काफी रुपया खर्च होता है। इधर सहकारी समितियों का ऋण और केसीसी की लिमिट चुकाने में देरी होने पर किसान को पैनल ब्याज देना पड़ता है साथ ही समय पर नहीं चुकाने पर डिफाल्टर होने का खतरा भी रहता है। ऐसे में किसान को इस राशि के लिए साहूकार के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
समर्थन मूल्य पर चना बेचने वाले किसानों की 13 करोड़ से ज्यादा की राशि बकाया है। भुगतान राज्य स्तर पर होता है। भुगतान में देरी के बारे में आलाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।