कचरा संग्रहण की नई व्यवस्था के तहत कचरा संग्रहण का कार्य जयपुर की कंपनी की ओर से किया जाएगा। इसके लिए सभी संसाधन नगर परिषद के होंगे। शहर के प्रत्येक वार्ड में एक ऑटो टीपर लगाया जाएगा। इसके अलावा बड़े कचरा पात्र को खाली करने के लिए परिषद की ओर से कंपनी को दो बड़े कॉम्पेक्टर भी दिए जाएंगे।
वेब पोर्टल से मॉनिटरिंग, गाड़ी आने से पहले बजेगा अलार्म
नगर परिषद ने इस नई व्यवस्था के लिए सीकर मॉडल नया एप बनाया है। यह एप घर के मुखिया को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर डाउनलोड करना होगा। कचरा संग्रहण की गाड़ी नजदीक आने के साथ ही एप में अलार्म बजेगा। खास बात यह है कि इस एप के माध्यम से यह भी देखा जा सकेगा कि कचरा संग्रहण की गाड़ी घर से कितनी दूर है और कितने बजे उनके घर के पास पहुंचेगी।
घंटी देने के साथ ही दर्ज हो जाएगी शिकायत
नगर परिषद की ओर से कचरा संग्रहण की शिकायत के संबंध में अलग से मोबाइल नंबर जारी किए जाएंगे। खास बात यह है कि इस नंबर पर घंटी देने के साथ ही कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज हो जाएगी। नंबर के आधार पर ही कंट्रोल रूम में बैठे नगर परिषद के अधिकारी घर की लोकेशन और कचरा संग्रहण की स्थिति की जांच कर सकेंगे। ऐसे में उस क्षेत्र के ऑटो टीपर के चालक को कचरा संग्रहण के लिए वापस भेजा जाएगा।
जीपीएस और नेविगेशन से चलेंगे ऑटो
वार्ड में कचरा संग्रहण के लिए जाने वाले प्रत्येक ऑटो टीपर का रूट तय होगा। यह रूट परिषद की टीम क्षेत्र का दौरा कर तय कर रही है। रूट तैयार करते समय प्रत्येक घर तक ऑटो की पहुंच का ध्यान रखा जा रहा है। इसके साथ ही ऑटो में जीपीएस और नेविगेशन लगाया जाएगा।
शहर में औसत 120 टन कचरा
सीकर में औसत देखा जाए तो प्रतिदिन 120 टन कचरा उठाया जाता है। ऐसे में शहर के लोगों को भी इसका ध्यान रखना होगा। प्रत्येक घर में गीला और सूखे कचरे को अलग कचरा पात्र में एकत्र करना होगा। परिषद के कर्मचारी गीले कचरे को खाद बनाने में काम लेंगे। वहीं सूखे कचरे को निस्तारण कर दिया जाएगा।
इनका कहना है… सीकर शहर में कचरा संग्रहण की नई व्यवस्था एक अप्रेल से शुरू की जा रही है। इसके लिए प्रत्येक घर का कार्ड बनाया जा रहा है। परिषद की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
जीवण खां, सभापति नगर परिषद सीकर