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हवाई सेवा…हवा…हवाई!

locationसीकरPublished: Dec 04, 2021 06:46:09 pm

Submitted by:

Narendra

एयर कनेक्टिविटी : तारपुरा में है हवाई पट्टी, फिर भी अब तक एयर टैक्सी से भी नहीं जुड़ा शेखावाटीकेन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय भी कर चुका है दो बार घोषणा

हवाई सेवा...हवा...हवाई!

हवाई सेवा…हवा…हवाई!

नरेन्द्र शर्मा
सीकर. विस्तार रूप लेते जा रहे शेखावाटी में हवाई सेवा की सुविधा अब जरूरत बन गई है। बावजूद इसके शेखावाटी में अभी भी हवाई उड़ान सपना ही बनी है। हजारों प्रवासी, सैकड़ों उद्योगपति और बाहरी मुल्कों में निर्बाध आवागमन के बाद भी यहां से एयर कनेक्टिविटी नहीं है। सीकर के लोगों की बरसों से यह मांग है और बरसों से ही इसका मलाल भी। सीकर से 18 किमी दूर तारपुरा में लंबी चौड़ी हवाई पट्टी होने के बावजूद सीकर से एयर कनेक्टिविटी नहीं होना सरकारी उदासीनता का ही प्रमाण है। पिछले दस सालों में दो बार केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से एयर टैक्सी सेवा शुरू करने की घोषणा की जा चुकी है। लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है। इधर, राजनेता भी सीकर के इस हक के लिए आवाज उठाते नजर नहीं आ रहे। खाटूश्यामजी, सालासर, शाकम्भरी व जीणमाता सहित अन्य धार्मिक स्थलों के लिए पर्यटकों को शेखावाटी में एयर टैक्सी सेवा की सुविधा भी आज तक नहीं मिली।
हवाई सेवा पर सीकर का हक इसलिए…
राज्य में अभी कांग्रेस की सरकार है। इसमें सर्वाधिक योगदान शेखावाटी का रहा। यहां की कुल 21 विधानसभा सीटों में से 17 सीटें आम अवाम ने कांग्रेस को दी है। इधर, अभी हाल ही में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है। सीकर की झोली मंत्री पद के मामले में खाली ही रही। हालांकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष यहीं से हैं। इन सबके बीच अब लोगों की सरकार से अपेक्षा भी बढ़ जाती है।
औद्योगिक विकास को भी मिल सकती है रफ्तार
शेखावाटी में एयर कनेक्टिविटी के बाद औद्योगिक विकास को एक नई रफ्तार मिल सकती है। यहां के खास पर्यटन स्थल रामगढ़ शेखावाटी, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़ आदि इलाकों में बड़े होटल समूह बड़ा निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा शेखावाटी से करीब डेढ़ लाख से अधिक कामगार विदेश में है। शेखावाटी से जयपुर एयरपोर्ट ही जाना पड़ता है। ऐसे में तारपुरा में हवाईसेवा शुरू होने पर जयपुर का भार काफी हद तक कम हो जाएगा। साथ ही सीकर, झुंझुनूं, चूरू व नागौर के लोगों को काफी फायदा होगा।
सीकर के कई मुद्दे हैं, कई मांग भी
इस समय विस्तारित होते सीकर के लिए हवाई सेवा सबसे बड़ी जरूरत है। प्रयास तो 2003 से शुरू हो गए थे, सफल आज तक नहीं हो सके। सीकर में 2003 में अकाल राहत कार्यों के दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग ने तारपुरा में हवाई पट्टी का निर्माण करवाया था। इसके बाद दर्जनों बार यहां राजनेताओं के छोटे विमान उतरे भी। 2015 में यहां एयरटैक्सी की योजना बनाई गई। केंद्र ने प्रस्ताव भी पास कर दिया, लेकिन राज्य के नेताओं की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण हवाई सेवा शुरू नहीं हो पाई। जबकि खाड़ी देशों में यहां के एक लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं, जिनका आए दिन यहां आना जाना लगा रहता है।
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