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पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी चमक रही हमारी बेटियां

locationसीकरPublished: May 16, 2022 08:06:53 pm

राजस्थान की बेटियां अब पढ़ाई के साथ खेलों में भी चमक रही है। जैन विवि बंगलूरू में आयोजित खेलो इंडिया विश्वविद्यालय गेम्स में इस बार राजस्थान के खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन के दम पर प्रदेश का मान बढ़ाया है।

पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी चमक रही हमारी बेटियां

पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी चमक रही हमारी बेटियां

सीकर. राजस्थान की बेटियां अब पढ़ाई के साथ खेलों में भी चमक रही है। जैन विवि बंगलूरू में आयोजित खेलो इंडिया विश्वविद्यालय गेम्स में इस बार राजस्थान के खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन के दम पर प्रदेश का मान बढ़ाया है। सरकारी के साथ निजी विश्वविद्यालयों के होनहारों की इस प्रतियोगिता में राजस्थान की बादशाहत जारी रही। खास बात यह है कि राजस्थान के सात विश्वविद्यालयों की 10 बेटियों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत रैंकिंग में उछाल आया है। परम्परागत खेलों के साथ नए खेलों में भी युवा कॅरियर की नई राहें तलाश रहे हैं। सीकर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विवि के खिलाडिय़ों ने राजस्थान विवि से भी बेहतर रैंक हासिल की है। प्रतियोगिता में मेजबान जैन विश्वविद्यालय के खिलाडिय़ों ने 32 पदक जीतकर अपने विवि को पहली रैंक दिलाई है। इसमें 20 स्वर्ण पदक शामिल हैं। जबकि 51 पदकों के साथ लवली विवि दूसरे पायदान पर रही है। वहीं 48 पदकों के साथ पंजाब विश्वविद्यालय तीसरे पायदान पर रहा है।

राजस्थान विवि से आगे रहा शेखावाटी विवि

इस प्रतियोगिता में राजस्थान विवि से आगे हमारा शेखावाटी विवि रहा है। महर्षि दयानंद विवि को पांचवीं रैंक मिली है। यहां के खिलाडिय़ों ने 14 स्वर्ण पदकों के साथ कुल 41 पदक जीते हैं। जबकि नौ पदकों के साथ चूरू के ओमप्रकाश जोगेन्द्र सिंह ने 17 वीं रैंक हासिल की है। शेखावाटी विवि ने सात पदकों के साथ देशभर में 43 वीं रैंक हासिल की है। यहां के खिलाडिय़ों ने एक स्वर्ण पदक के साथ सात पदक जीते हैं। कोटा विश्वविद्यालय दो पदकों के साथ 58 वें पायदान पर रहा है। गंगासिंह विवि ने पांच पदक के साथ 59 वीं रैंक, राजस्थान विवि ने 4 पदकों के साथ 74 वीं, एक पदक के साथ जयनारायण व्यास विवि ने 99 वीं रैंक हासिल की है।

इन दो उदाहरणों से समझें जज्बा

1. किसान की बेटी लगातार जीत रही तमगे

रसीदपुरा गांव निवासी डिस्कस थ्रो खिलाड़ी पूनम फेनिन ने स्कूली गेम्स से कॅरियर की शुरुआत की। पहले वह दौड़ का अभ्यास करती थी, लेकिन पिता दीनदयाल फेनिन की सलाह पर उन्होंने खेल बदल लिया। नेशनल प्रतियोगिता बंगलूरु व रांची में स्वर्ण पदक जीत चुकी है।

2. बॉक्सिंग में मुस्कान ने बढ़ाया शेखावाटी का मान

बॉक्सिंग जैसे खेल में भी हमारी बेटियां किसी से कम नहीं है। शेखावाटी विवि की खिलाड़ी मुस्कान ने सात साल की मेहनत के दम पर इस खेल में अपनी अलग पहचान बनाई है। खेलो इंडिया में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता है। अब अन्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी में जुट गई हैं।

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