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Martyrdom: शेखावाटी का फिर एक लाल देश के नाम कुर्बान, आठ महीने की गर्भवती है पत्नी

locationसीकरPublished: Aug 17, 2022 09:25:33 am

शेखावाटी का फिर एक लाल देश के नाम कुर्बान हो गया। श्री नगर में उसने अपनी जान देश के नाम कर दी।

Martyrdom: शेखावाटी का फिर एक लाल देश के नाम कुर्बान, आठ महीने की गर्भवती है पत्नी

Martyrdom: शेखावाटी का फिर एक लाल देश के नाम कुर्बान, आठ महीने की गर्भवती है पत्नी

Sikar soldier subhash chandra martyred in Srinagar.सीकर. श्रीनगर चंदनवाड़ी व पहलगांव के बीच खाई में गिरी आईटीबीपी के जवानों से भरी बस हादसे में सीकर का लाल सुभाषचंद्र बेरवाल शहीद हो गया है। सुभाषचंद्र बेरवाल ढाई महीने पहले 25 मई को ही गांव में छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर गया था। आठ महीने की गर्भवती पत्नी सरला देवी सीकर में रूम लेकर रीट परीक्षा की तैयार कर रही है। गर्भवती पत्नी व परिवार के सदस्यों को शहीद की सूचना देने में भी देर रात तक ग्रामीण कतरा रहे थे। गांव में करीब तीन बजे पड़ौस में रहने वाले राकेश कुमार सैनी को शहीद की सूचना मिली। शहीद की सूचना मिलते ही शौक की लहर दौड़ गई।

चला गया घर चलाने वाला
शहीद सुभाष चंद्र की 8 मार्च 2018 को सरला देवी की शादी हुई। लंबे समय इंतजार के बाद शहीद को बच्चे की खुशियां मिलने वाली थी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते छोटे भाई मुकेश ने 10 वीं पास करने के बाद ही स्कूल छोड़ दिया था। पिता कालू राम व छोटा भाई मुकेश बेरवाल खेती की जमीन कम होने के चलते साथ में मजदूरी करके काम चला रहे हैं। छोटी बहन सरिता देवी व मुकेश बेरवाल की शादी भी अभी नहीं हुई हैं। 28 साल के सुभाषचंद्र बेरवाल के कंधों पर ही परिवार की पूरी जिम्मेदारी थी।

ब्रेक फेल होने से हुआ हादसा
गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी से लौट रहे आईटीबीपी के जवानों से भरी बस मंगलवार सुबह ब्रेक फेल होने से अनियंत्रित होकर श्रीनगर चंदनवाड़ी व पहलगांव के बीच खाई में गिर गई। खाई में गिरी बस में आईटीबीपी के 38 जवान और दो जम्मू कश्मीर पुलिस के पुलिसकर्मी सवार थे। हादसे में सात जवान शहीद हो गए। आठ के करीब गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। घायलों का इलाज श्रीनगर एवं अनंतनाग में चल रहा है। घटना में शहीद 7 में एक आईटीबीपी का जवान सीकर के धोद शाहपुरा का रहने वाला है। शहीद सुभाषचंद्र बेरवाल की उम्र 28 साल है। सुभाष बेरवाल का जन्म 10 जुलाई 1993 और वर्ष 2013 में आईटीबीपी में नौकरी लग गई। पिता कालू राम व माता का नाम शांति देवी है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर हैं।

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