नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पांच सड़कों के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। इनकी लम्बाई 234 किलोमीटर है और इनके बनने में 740 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का निर्माण ईपीसी पद्धति के आधार पर किया जाएगा। इन परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति पहले ही प्राप्त की जा चुकी है। सार्वजनिक निर्माण मंत्री यूनुस खान ने दावा किया था कि इन सड़कों के विकास से राज्य के धार्मिक, शैक्षणिक एवं आदिवासी बहुल क्षेत्रों के करीब 75 से अधिक गांवों के निवासियों को प्रत्यक्ष एवं लाखों लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा।
यह सड़कें अब कहलाएंगी नेशनल हाइवे
– सवाईमाधोपुर से श्योपुर सड़क (33.90 किमी.) – फतेहपुर से झुंझुनूं (27.85 किमी)
– राजगढ़-हरियाणा सीमा (54.675 किमी) – झाडोल-अम्भाबेली (59.695 किमी)
– कुण्डेल-झाडोल (58.03 किमी) ये पहले ही घोषित नेशनल हाइवे
– सवाईमाधोपुर से श्योपुर सड़क (33.90 किमी.) – फतेहपुर से झुंझुनूं (27.85 किमी)
– राजगढ़-हरियाणा सीमा (54.675 किमी) – झाडोल-अम्भाबेली (59.695 किमी)
– कुण्डेल-झाडोल (58.03 किमी) ये पहले ही घोषित नेशनल हाइवे
इससे पहले राज्य सरकार ने 338 किलोमीटर की दो सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया था। जयपुर से भीलवाड़ा वाया डिग्गी, फागी, मालपुरा, केकड़ी, शाहपुरा के बीच 212 किलोमीटर की सड़क को नेशनल हाइवे घोषित करने की घोषणा कर दी गई, अभी यहां निजी वाहनों के लिए टोल फ्री हुआ ही है। इसी तरह 126 किलोमीटर की सोयला से बालेसर वाया ओसियां-तिवरी के बीच की सड़क को भी नेशनल हाइवे घोषित करने का निर्णय किया गया है। इसी तरह वर्ष 2016-17 के बजट में राज्य सरकार ने दूदू से नरेना-सांभर-कुचामन सिटी-छोटी खाटू, मंदसौर-प्रतापगढ़-धरियावाद-सलूंबर, फलौदी-नागौर-हरनाद-छोटी खाटू, कवाई से छबड़ा के बीच बनी सड़क को भी नेशनल हाइवे घोषित किया जा चुका है। इन सड़कों के बनने के साथ ही यहां टोल लगेगा।