बंद होगा एशिया का सबसे बड़ा व राजस्थान का ये इकलौता केंद्र
योगेश पारीक
(Asia's largest and Rajasthan's only sheep breeding center to be closed) सीकर/फतेहपुर. कृषि कानूनों के विरोध के बीच राज्य सरकार पशुपालकों को झटका देने की तैयारी कर रही है। सरकार पशुपालकों की सुविधा के लिए 46 वर्ष पहले फतेहपुर में स्थापित किए गए प्रदेश के एक मात्र भेड़ प्रजनन केन्द्र ( Fatehpur sheep breeding center) को बंद कर रही है।

सीकर/फतेहपुर. कृषि कानूनों के विरोध के बीच राज्य सरकार पशुपालकों को झटका देने की तैयारी कर रही है। सरकार पशुपालकों की सुविधा के लिए 46 वर्ष पहले फतेहपुर में स्थापित किए गए प्रदेश के एक मात्र भेड़ प्रजनन केन्द्र को बंद कर रही है। वहीं लाडनूं स्थित भैंस प्रजनन केन्द्र व अलवर के शूकर फार्म पर भी 31 मार्च से पहले ताले लगाने की तैयारी कर ली है। हाल ही हुई उच्च स्तरीय बैठक में भेड़ प्रजनन केन्द्र के अधिकारियों से संपत्ति का विवरण मांगा है। निदेशालय पशुपालन विभाग जयपुर के निदेशक डॉ वीरेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। केंद्र के अनुपयोगी, उपयोगी संसाधनों, चारा, दाना व अन्य सामानों को जिला स्तरीय कार्यालय में भिजवाने व स्टाफ को समायोजित करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी 8 मार्च तक प्रकिया पूरी करेगी। इसके बाद तीनों फार्म बंद कर दिए जाएंगे। यहां इनकी नस्ल सुधार पर कार्य हो रहा था। यहां से पशुपालकों को मेढ़े व बकरों की उन्नत नस्ल मिल रही थी। इसे बंद करने की कवायद कई सालों से चल रही थी। सूत्रों की मानें तो स्थानीय अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों व मंत्री तक सही रिपोर्ट नहीं भेजी। ऐसे में सरकार ने इसे बंद करने का फैसला कर लिया। फतेहपुर में स्थित फार्म पर स्टाफ के वेतन के अलावा नाम मात्र का खर्च आ रहा है।
84 कर्मचारियों का कुनबा, 550 हैक्टेयर जमीन
भेड़ प्रजनन केन्द्र पर अधिकारियों व कर्मचारियों के 84 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 21 पद पर स्टाफ कार्यरत हैं व 63 पद रिक्त है। जब केन्द्र शुरू हुआ था तब 9600 हैक्टेयर भूमि केन्द्र के पास लीज पर थी। बाद में 7300 हैक्टेयर भूमि बची। हाल ही में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद 550 हैक्टेयर भूमि केन्द्र के अधीन रखी गई। शेष वन विभाग को सौंप दी गई।
1973 में केन्द्र ने की थी स्थापना, 2000 में राज्य सरकार को सौंपा
क्षेत्र के पशुपालकों को फायदा पहुंचाने व उन्नत नस्ल के मेढ़े तैयार करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने 1973 में फतेहपुर में राजस्थान का पहला भेड़ प्रजनन केन्द्र शुरू किया था। केन्द्र सरकार ने अपनी जमीन व अपने बजट से भवन बनाकर इस केन्द्र की शुरुआत की थी। रूस की मेरीनो नस्ल के मेढ़े तैयार करने के लिए देश में सिर्फ इसी केन्द्र को तैयार किया गया था। इसके बाद हिसार में दूसरा केन्द्र बनाया गया था। तब इसी भेड़ प्रजनन केन्द्र से मेढ़े भेजे गए थे। वर्ष 2000 में इसका संचालन राज्य सरकार को सौंप दिया गया।
बंद नहीं होने देंगे: विधायक
केन्द्र को बंद नहीं होने देंगे। अगर कोई आदेश आए हैं तो मुख्यमंत्री व पशुपालन मंत्री से बात करके पक्ष रखूंगा। इस केन्द्र से पशुपालकों को काफी फायदा मिल रहा है।
हाकम अली खां, विधायक फतेहपुर
केन्द्र के पास सभी संसाधन
उच्च अधिकारियों के निर्देशों की पालना कर रहा हूं। केन्द्र के पास संसाधन भवन सभी है। मुझसे जो रिपोर्ट मांगी गई है, वह भेज रहा हूं। सरकार के जो आदेश आएंगे उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।
रामेश्वर सिंह, उप निदेशक, भेड़ प्रजनन केन्द्र फतेहपुर
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