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आश्वासन पर आश्वासन, सीएचओ खाली हाथ

जुलाई में ब्रिज कोर्स शुरू करने का किया था दावा, अभी तक नहीं हुआ शुरू

सीकरJul 22, 2021 / 07:42 pm

Ajay

खेल कोटे की सूची भी नहीं हो सकी अनलॉक


सीकर.
सीएचओ की भर्ती में लगातार पिछडऩे के बाद भी चिकित्सा विभाग युवाओं की खुशियों को अनलॉक नही कर पा रहा है। चिकित्सा विभाग ने पहली सूची में चयनित सीएचओ के लिए जुलाई महीने में ब्रिज कोर्स शुरू करने का दावा किया था। लेकिन अभी तक ब्रिज कोर्स की कवायद धरातल पर नहीं आई है। ब्रिज कोर्स की वजह चयनित सीएचओ महज आठ हजार रुपए के मानदेय पर काम करने पर मजबूर है। दूसरी तरफ खेल व दिव्यांग कोटे की सूची भी विभाग की ओर से जारी नहीं की जा रही है। इस कारण बेरोजगारों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। खिलाडिय़ों की ओर से कई बार निदेशालय के सामने प्रदर्शन भी किया जा चुका है। लेकिन विभाग की ओर से खेल प्रमाण पत्रों के सत्यापन के नाम पर युवाओं को टरकाया जा रहा है। बेरोजगारोंं का कहना है कि एक तरफ सरकार की ओर से कोरोना की तीसरी लहर का हवाला देकर कोविड सहायकों को नियुक्ति देनी की तैयारी की जा रही है। वहीं सीएचओ की अब तक प्रथम सूची भी अनलॉक नहीं की गई है।
मिलेगा प्रशिक्षण तभी पूरा होगा लक्ष्य

सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने के लिए सीएचओ की भर्ती की थी। लेकिन जब तक सीएचओ को ब्रिज कोर्स नहीं कराया जाता, तब तक वह मरीजों के उपचार में सहायत नहीं बन सकते हैं। ऐसे में शहरी क्षेत्र के अस्पतालों से दवाब कम होना अभी भी सवाल बना हुआ है।
परेशान चयनित अभ्यर्थी
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की भर्ती प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले दो साल की देरी से हुई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने विज्ञप्ति में 25 हजार मानदेय सहित अन्य भत्ते देने की बात कही थी। लेकिन अब घर से दूर रहकर महज आठ हजार में खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है। जबकि कई अभ्यर्थी तो ऐसे है जो निजी व सरकारी नौकरी छोड़कर सीएचओ की भर्ती में आए है।
मांगे नहीं मानी तो अब प्रदेशभर में आंदोलन
ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन यूनाइटेड के अध्यक्ष भरत बेनीवाल का कहना है कि सरकार को कई बार सीएचओ की ओर से मांग पत्र दिया जा चुका है। इसके बाद भी सरकार चयनित अभ्यर्थियों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में जल्द प्रदेशभर में आंदोल शुरू किया जाएगा।
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