scriptAtal Bihari Vajpayee : सीकर सांसद जगदीश माथुर के साथ पैदल संसद जाते थे अटल जी | Atal Bihari Vajpayee went to the parliament on foot Sikar Mp Mathur | Patrika News

Atal Bihari Vajpayee : सीकर सांसद जगदीश माथुर के साथ पैदल संसद जाते थे अटल जी

locationसीकरPublished: Aug 17, 2018 11:42:47 am

Submitted by:

vishwanath saini

Atal Bihari Vajpayee No More : www.patrika.com/sikar-news/

Atal Bihari Vajpayee went to the parliament on foot Sikar Mp Mathur

Atal Bihari Vajpayee went to the parliament on foot Sikar Mp Mathur

सीकर. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सीकर से गहरा जुड़ाव रहा है। सीकर निवासी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी वाजपेयी के साथ जनसंघ के समय काफी काम किया था। शेखावाटी में भाजपा के विस्तार के लिए वाजपेयी ने सैनी को कई बार बुलाया था।

इस दौरान उन्होंने सैनी से शेखावाटी की सांस्कृतिक परम्परा, शेखावाटी की राजनीति और अन्य मुद्दों भी किया करते थे। खास बात यह भी है कि बीमारी से पहले जब भी कोई व्यक्ति सीकर से मिलने जाता था तो वे खाटूश्यामजी और सालासर के मंदिरों का जिक्र करना नहीं भूलते थे। कई बार तो वे खुद फोन करके श्याम बाबा का प्रसाद मंगवाया करते थे।

शेखावाटी के शहीदों की सराहना
वाजपेयी ने करगिल युद्ध के समय भी शेखावाटी के शहीदों की जमकर सराबहना की थी। उन्होंने दिल्ली में सैनिकों के सम्मान में हुए कार्यक्रम के दौरान कहा था कि शेखावाटी में तो हर मां ऐसे वीर को जन्म देती है, जो देश सेवा के साथ आ सके। धन्य हैं शेखावाटी, जहां वीर लाल जन्म लेते हैं।

जाटिया बाजार में अटलजी की सभा
जाटिया बाजार में उनकी सभा का समय शाम चार बजे का था। लेकिनए चुनावी सभाओं और जगह. जगह स्वागत के चलते जाटिया बाजार पहुंचने में उन्हें रात के दस बज गए। साथ में जनसंघ और भाजपा के पहले प्रदेशाध्यक्ष और बाद में विधायक से लेकर लोकसभा और राज्य सभा सांसद रहे जगदीश प्रसाद माथुर भी थे।

मंच पर पहुंचते ही उन्होंने अपने देरी से पहुंचने की वजह मजाकिया लहजे में जगदीश प्रसाद माथुर को ही बताया। कहा कि आज जगदीश जी के पल्ले पड़े हैंए जिनके चलते कार्यक्रम ज्यादा हो गए। यही नहीं जब सीकर की जनता उन्हें मंच से सुनने को बेताब थीए उस समय भी उन्होंने भाषण देने से इन्कार कर सबको चौंका दिया।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों की व्यस्तता से सुबह से कुछ नहीं खाया है। भूखे पेट भजन नहीं होत गोपाला की कहावत के साथ उन्होंने कहा कि अब तो भोजन के बाद ही भाषण होगा। उनके इतना कहने के बाद उनके लिए मंच पर ही भोजन मंगाया गया।

जिसके बाद उन्होंने मंच पर ही खाना खाने के बाद अपनी सभा शुरू की। बताया जाता है कि जनसंघ के दौर में वो करीब तीन बार सीकर आए। जिसमें उनकी एक सभा रामलीला मैदान में भी हुई। भाजपा निर्माण के बाद वह 1999 में ही सीकर आए।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो