तो फिर प्रथम लेवल में सबसे ज्यादा मारामारी
प्रदेश में अब तक हुई प्रथम लेवल की शिक्षक भर्तियों में बीएसटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही शामिल होते रहे हैं। अब यदि राज्य सरकार भी एनसीटीई के फैसले को लागू करती है तो प्रथम लेवल में नौकरी के लिए सबसे ज्यादा मारामारी होगी। क्योंकि इसमें बीएसटीसी अभ्यर्थियों के साथ बीएड डिग्रीधारी भी शामिल होंगे।
फिलहाल यह नियम
कक्षा एक से पांचवीं तक के लिए फिलहाल बीएसटीसी योग्यता निर्धारित है। शिक्षक पात्रता परीक्षा में यह लेवल प्रथम में शामिल होते हैं। जबकि बीएड डिग्रीधारी द्वितीय लेवल की परीक्षा में आते हैं। इनको कक्षा छह से आठवीं तक के शिक्षक बनने का मौका मिलता है।
बेरोजगारों के हित में हो फैसला
एनसीटीई ने पिछले दिनों बीएड डिग्रीधारियों को प्रथम लेवल में शामिल करने के संबंध में कई राज्यों के लिए आदेश जारी किया था। राज्य सरकार को इसकी पूरी तरह विधिक स्तर पर समीक्षा कराकर कोई निर्णय लेना चाहिए।
उपेन यादव, प्रदेश संयोजक, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
2018 में हुआ था नियमों में परिवर्तन
एक्सपर्ट विनोद कुमार लाम्बा ने बताया कि एनसीटीई ने वर्ष 2018 में नियमों में परिवर्तन किया था। इसके बाद जिन राज्यों में भी शिक्षक भर्ती हुई वहां इस नियम को लागू किया गया। बिहार व छत्तीसगढ़ में यह निर्णय मूल विज्ञप्ति में लागू नहीं हुआ तो बीएड डिग्रीधारियों ने न्यायालय की शरण ली थी। इस पर न्यायालय ने भी प्रथम लेवल में बीएड डिग्रीधारियों को शामिल करने का निर्णय सुनाया था।