script22 आतंकियों को मारने में अहम रहे बगडिय़ा को मिलेगा राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक | Bagadia will get President's Police Gallantry Medal | Patrika News
सीकर

22 आतंकियों को मारने में अहम रहे बगडिय़ा को मिलेगा राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक

राजस्थान के सीकर जिले के ग्राम पंचायत खटुन्दरा के ग्राम झूंफा निवासी केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल में हैड कांस्टेबल सुभाष चन्द्र बगडिय़ा पुत्र अर्जुन लाल जाट को राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस वीरता पदक से सम्मानित करने घोषणा की।

सीकरAug 18, 2022 / 07:16 pm

Ajay

22 आतंकियों को मारने में अहम रहे बगडिय़ा को मिलेगा राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक

22 आतंकियों को मारने में अहम रहे बगडिय़ा को मिलेगा राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक

सीकर/बावड़ी. राजस्थान के सीकर जिले के ग्राम पंचायत खटुन्दरा के ग्राम झूंफा निवासी केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल में हैड कांस्टेबल सुभाष चन्द्र बगडिय़ा पुत्र अर्जुन लाल जाट को राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस वीरता पदक से सम्मानित करने घोषणा की। भाई बाबूलाल बगडिय़ा ने बताया कि बगडिय़ा को यह सम्मान 22 आतंकियों को मार गिराने में अहम भूमिका निभाने पर मिलेगा। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में आतंकियों के विरूद्व अदम्य साहस व वीरता का परिचय देते हुए एक नवम्बर 2020 को ही बगडिय़ा ने एक आतंकवादी को मार गिराया और एक को जिन्दा पकड़ा। पुरस्कार की घोषणा होने पर उनके पैतृक गांव झूंफा व खण्डेला क्षेत्र के आस पास गांवों में खुशी की लहर छा गई। बगडिय़ा ने बताया कि श्रीनगर में एनकाउन्टर टीम या फिर वेलीक्यूआरटी में 2018 से 2022 तक चार वर्ष की ड्यूटी के दौरान अपनी टीम के साथ अठारह एनकाउन्टर करके वह अब तक कुल 22 आतंकवादियों को मारने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।

कई बार बनाया बगडिय़ा को निशाना
बगडिय़ा को आतंकियों ने भी कई बार निशाना बनाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि 2021 में रात्रि एनकाउन्टर के दौरान आतंकवादियों ने कई बार बगडिय़ा को निशाना बनाया गया। इस दौरान उनके घुटने में गोली लगी। लेकिन बगडिय़ा ने अदम्य साहस व बहादुरी का परिचय देते हुए अपनी टीम के साथ छह महीने तक काम किया। वर्तमान में बगडिय़ा गढ चिरोली महाराष्ट्र में तैनात है।

गांव में की पढ़ाई
बगडिय़ा ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव की सरकारी स्कूल से प्राप्त की। उसके बाद में भारतीय स्कूल रींगस से 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करके सेना की तैयारी करना शुरू कर दिया था। 2012 में केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल में चयन हो गया।

डीजी से हो चुके है चार बार सम्मानित

केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल के डीजी से बगडिय़ा चार बार सम्मानित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की रक्षा करना मेरा परम धर्म है। पुरस्कार की घोषणा होने पर उनके पैतृक गांव झूंफा व खण्डेला क्षेत्र के आस पास गांवों में खुशी की लहर छा गई।

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