कई बार बनाया बगडिय़ा को निशाना
बगडिय़ा को आतंकियों ने भी कई बार निशाना बनाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि 2021 में रात्रि एनकाउन्टर के दौरान आतंकवादियों ने कई बार बगडिय़ा को निशाना बनाया गया। इस दौरान उनके घुटने में गोली लगी। लेकिन बगडिय़ा ने अदम्य साहस व बहादुरी का परिचय देते हुए अपनी टीम के साथ छह महीने तक काम किया। वर्तमान में बगडिय़ा गढ चिरोली महाराष्ट्र में तैनात है।
गांव में की पढ़ाई
बगडिय़ा ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव की सरकारी स्कूल से प्राप्त की। उसके बाद में भारतीय स्कूल रींगस से 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करके सेना की तैयारी करना शुरू कर दिया था। 2012 में केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल में चयन हो गया।
डीजी से हो चुके है चार बार सम्मानित
केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल के डीजी से बगडिय़ा चार बार सम्मानित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की रक्षा करना मेरा परम धर्म है। पुरस्कार की घोषणा होने पर उनके पैतृक गांव झूंफा व खण्डेला क्षेत्र के आस पास गांवों में खुशी की लहर छा गई।