script

राजस्थान में तपिश और लू बनी ‘संजीवनी’, हुआ ये बड़ा फायदा

locationसीकरPublished: May 16, 2022 10:37:59 am

Submitted by:

Ajay Ajay Sharma

सीकर. गर्मी की तेज तपिश के बीच लू के थपेड़ों ने प्रदेश की बिजली कंपनियों को संजीवनी देने का काम किया है।

राजस्थान में तपिश और लू बनी ‘संजीवनी’, प्रदेश को हुआ बड़ा फायदा

राजस्थान में तपिश और लू बनी ‘संजीवनी’, प्रदेश को हुआ बड़ा फायदा

सीकर. गर्मी की तेज तपिश के बीच लू के थपेड़ों ने प्रदेश की बिजली कंपनियों को संजीवनी देने का काम किया है। प्रदेश को अतिरिक्त कोयला नहीं मिलने के बाद भी गांव-ढाणियों से लेकर कस्बे और औद्योगिक इकाईयों में कटौती का कहर पिछले सात दिनों में काफी कम हुआ है। पत्रिका ने इस मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि प्रदेश में विंड और सोलर एनर्जी से कंपनियों को 2800 मेगावाट तक बिजली मिलने की वजह से कटौती कम हुई है। हालात में सुधार होने पर अब बिजली कंपनियों ने सोमवार से किसानों को भी राहत देने का ऐलान किया है। सीकर जिले के किसानों को भी सोमवार से तीन ब्लॉक में किसानों को सप्लाई मिल सकेगी। सीकर जिले में पहले 180 से 190 मेगावाट तक सौलर से एनर्जी मिल रही थी। लेकिन पिछले एक सप्ताह में यह आंकड़ा 270 मेगावाट तक पहुंचा है। इससे कटौती के कहर से जनता को राहत देने में काफी मदद मिली है। इस मामले में एक्सपर्ट का कहना है कि मौसम साफ रहने की वजह से सौलर में उत्पादन बढ़ा है। वहीं लू की वजह से विण्ड एनर्जी ने भी बिजली कंपनियों को राहत मिली है। ऐसे में अब बिजली कंपनियों की राहत की डोर अक्षय ऊर्जा पर टिकी हुई है।

इसलिए प्रदेश में शुरू हुआ कटौती का दौर…

प्रदेश में इस महीने की शुरूआत में बिजली की औसत उपलब्धता 11558 मेगावाट रही। जबकि कई क्षेत्रों में दस से 40 फीसदी तक बढ़ गई। ऐसे में प्रदेशभर में बिजली कटौती शुरू की गई। एक्सपर्ट का कहना है कि 4 मई 2021 को पीक ऑवर्स में अधिकतम लोड 11163 मेगावाट था। जबकि 4 मई 2022 को यह 14336 मेगावाट रेकॉर्ड किया गया है। पिछले साल के मुकाबले इस साल 3173 मेगावाट पीक लोड बढ़ गया है।

हर दिन 300 करोड़ का नुकसान, किस डिस्कॉम में कितनी बिजली की कटौती

एक्सपर्ट की मानें तो प्रदेश में बिजली कटौती से एक दिन में 300 करोड़ तक का नुकसान होता है। दुनिया के कई देशों में कटौती पर क्षतिपूर्ति की भी व्यवस्था है। लेकिन देश में अभी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। प्रदेश में 5 करोड़ 34 लाख 55 हजार यूनिट कम मिलने पर कटौती करनी पड़ी है। पिछले सप्ताह तक जयपुर डिस्कॉम की बिजली डिमांड 12 करोड़ 15 लाख 67 हजार यूनिट रही। जयपुर डिस्कॉम में 1 करोड़ 83 लाख 42 हजार यूनिट बिजली कटौती की गई। अजमेर डिस्कॉम में बिजली डिमांड 814.37 लाख यूनिट रही। अजमेर डिस्कॉम एरिया में 1 करोड़ 44 लाख 34 हजार यूनिट बिजली लोड शेडिंग कर काटी गई। जोधपुर डिस्कॉम में 10 करोड़ 3 लाख 3 हजार यूनिट बिजली की डिमांड रही। 2 करोड़ 6 लाख 79 हजार यूनिट बिजली कटौती करनी पड़ी।

प्रदेश में सोलर और विण्ड का गणित

प्रदेश में इस महीने का औसत लोड लगभग 13 हजार मेगावाट बिजली का रहा। इनमें से 2300 मेगावाट बिजली विंड एनर्जी से मिली। जबकि 3000 मेगावाट बिजली की सप्लाई सोलर एनर्जी से मिली। इस तरह से 5300 मेगावाट बिजली अकेले अक्षय ऊर्जा निगम से मिल रही है।

 

बिजली कटौती को लेकर जो आप जानना चाहते हैं: अजमेर डिस्कॉम के एमडी एनएस निर्वाण से खास बातचीत

पत्रिका: गांव-ढाणियों के साथ औद्योगिक इकाईयों को बिजली कटौती से राहत कब तक मिलेगी।

एमडी: कोयले की कमी सहित कई वजहों से पहले डिस्कॉम को पूरी सप्लाई नहीं मिल रही थी। इस वजह से कटौती शुरू की गई थी। पिछले चार-पांच दिनों से स्थिति में काफी सुधार आया है। इसलिए कटौती काफी कम हुई है। औद्योगिक क्षेत्र की इकाईयों को भी बिजली देनी की पूरी कोशिश है। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले चार से आठ घंटे तक बिजली गुल थी। अब ऐसे हालात नहीं है।

पत्रिका: कोयला भी नहीं मिला और मांग भी कम नहीं हुई। फिर बिजली के उत्पादन में कैसे बढ़ोतरी हुई।

एमडी: सोलर व विण्ड एनर्जी की वजह से हालात बदले है। इसके अलावा एक इकाई भी शुरू हो गई है। ऐसे में उत्पादन और खपत के आंकड़ा में फिर से तालमेल बैठा है। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है।

पत्रिका: बिजली कटौती की वजह से किसानों की फसल तबाह हो रही है। किसानों को राहत कब तक मिलेगी।

एमडी: किसानों को राहत देने का काम शुरू कर दिया है। सोमवार से किसानों को सिंचाई के लिए बिजली देने के आदेश जारी कर दिए है। सीकर जिले के किसानों को तीन ब्लॉकों में सप्लाई दी जाएगी।

पत्रिका: इस सीजन में बिजली कटौती का कहर और कब तक झेलना पडेग़ा।

एमडी: फिलहाल स्थिति ठीक है। लेकिन मौसम का कुछ मिजाज बदला तो कुछ क्षेत्रों में कटौती हो सकती है। लेकिन अब बिजली संकट से उबरने की दिशा में आगे बढ़ रहे है।

धूलभरी आंधी नहीं चलने और सुबह से ही तपिश का मिला फायदा
शेखावाटी में सोलर ग्रीन एनर्जी की अपार संभावना है। प्रदेश में हर साल बढ़ते बिजली संकट को सोलर एनर्जी के दम पर काफी हद तक दूर किया जा सकता है। गर्मियों के दिनों में सुबह से ही सूरज की तपिश शुरू हो जाती और सूर्यास्त तक जारी रहती है। लेकिन गर्मियों के दिनों में आंधियों की वजह से मौसम साफ नहीं होने की वजह से कई बार सोलर से एनर्जी का उत्पादन थोड़ा प्रभावित हो जाता है। लेकिन पिछले दस दिनों में मौसम काफी साफ रहा। ऐसे में सीकर सहित सभी क्षेत्रों में सोलर से ज्यादा बिजली बनी है। अमूमन अक्टूबर महीने में बारिश के बाद मौसम साफ रहता है। इसलिए इस महीने में भी ज्यादा उत्पादन की संभावना रहती है।

-रामनिवास ढाका, एक्सपर्ट

सोलर से 270 मेगावाट तक बिजली मिली, रोशन हो सके गांव-ढाणी
सीकर काफी जागरूक जिला है। यहां के लोगों ने घरों से लेकर स्कूल-कॉलेज और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी सोलर लगवाए है। पहले जहां सीकर जिले को 180 से 190 मेगावाट तक सौलर एनर्जी मिल रही थी। लेकिन पिछले एक सप्ताह में यह आंकड़ा 270 मेगावाट तक पहुंचा है। इसके अलावा विण्ड एनर्जी से फिलहाल 10 से 12 मेगावाट सप्लाई मिली है। प्रदेश में अतिरिक्त बिजली का आंकड़ा 2800 मेगावाट तक पहुंचा है। इससे कटौती से राहत मिली है। -नरेन्द्र गढ़वाल, अधीक्षण अभियंता, अजमेर डिस्कॉम

अक्षय ऊर्जा पर टिकी राहत की डोर, ऐसे मिलेगा फायदा

1. आमजन: गर्मी के मौसम में मिली राहत

अप्रेल व मई महीने में ग्रामीण क्षेत्रों में दस से 18 घंटे तक बिजली कटौती हुई। इस वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन अब कटौती से राहत मिली है। ऐसे में लोगों को सीधे तौर पर फायदा मिला है।

2. पेयजल: फिर भरने लगे उच्च जलाशय

बिजली कटौती की वजह से जलदाय विभाग की सप्लाई भी बेपटरी हो गई। कई क्षेत्रों में उच्च जलाशय भी पूरी नहीं भरने से लोगों को मांग के अनुसार पेयजल सप्लाई नहीं हो सका। लेकिन अब पूरी सप्लाई मिलने की वजह से लोगों को राहत मिली है।

3. किसान: सब्जियों की खेती को पूरी सप्लाई, जनता को भी राहत

किसानों को पूरी बिजली नहीं मिलने की वजह से कटौती हो रही थी। ऐसे में किसानों का 300 करोड़ तक का नुकसान होता। अब किसानों को सप्लाई मिलने से राहत की आस जगी है। निगम एसई ने बताया कि पहले ब्लॉक में 9.45 से 2.45 तक, दूसरे ब्लॉक में 12 से पांच बजे तक व तीसरे ब्लॉक में दो से सात बजे तक बिजली मिलेगी। वहीं आमजन को सब्जियों के भावों में बढ़ोतरी नहीं होने से राहत मिलेगी।

4. औद्योगिक इकाई: 10 करोड़ का नहीं होगा नुकसान

शेखावाटी की औद्योगिक इकाईयों को बिजली कटौती की वजह से पिछले 15 दिनों में 150 करोड़ तक का नुकसान हो चुका है। रोजाना यहां 10 करोड़ के नुकसान का आंकलन है।

ट्रेंडिंग वीडियो