असली नोटों के बदले थमाए नकली नोट
आईपीएस प्रोबेशनर वंदिता राणा ने बताया कि मेजर खां, आसिफ टाई गांव व आसपास के विदेश में रहने वाले लोगों से संपर्क कर नजर रखते थे। विदेश में काफी लोग मजदूरी करते है। घर पर वे जरूरत पडऩे पर रियाल मुद्रा देकर रुपए भेजते है। दोनों को रुपयों की जानकारी थी। इनके कई जानकार विदेश में रहते है। असलम के भाई रियाज के असली रुपयों के बदले नकली रुपए छाप कर देने की योजना बनाई। रियाज से इन्होंने शौकत के फर्जी नाम से बात की। उसको कहा कि घर पर रुपए की जरूरत हो तो तुम सउदी में हमारे आदमी को रुपए दे देना। भारत में हम तुम्हारे आदमी को रुपए दे देंगे। तब विदेश में रियाज से 10 लाख के रियाल ले लिए। सीकर में उसे
जयपुर में प्रिंटिग मशीन लगाकर छाप रहे थे नोट
लॉकडाउन से पहले जयपुर में इन्होंने प्रिंटिग मशीन खरीदी। पहले इन्होंने 100,200 रुपए के नोट छापने शुरू किए। बाजार में अलग-अलग कर नोट सामान खरीदने में चलाने लगे। नोट पकड़ में नहीं आए तब इन्होंने दो हजार रुपए का नोट छापना शुरू किया। पकड़े जाने के डर से ये जयपुर में नोट नहीं चलाते थे। जांच में सामने आया कि करीब दो लाख रुपए के 100,200 रुपए के नकली नोट छाप कर चलाए गए।
इनका रहा सराहनीय कार्य
एएसपी देवेंद्र कुमार ने बताया कि सदर थानाधिकारी पुष्पेंद्र सिंह, हैडकांस्टेबल मदनलाल, कांस्टेबल अनिल कुमार, विकास, ओमप्रकाश व दादिया थानाधिकारी ब्रिजेश सिंह, कंास्टेबल दिनेश, प्रेम, विकास, अशोक के साथ सायबर सैल से कांस्टेबल अंकुश व राकेश का सराहनीय कार्य किया गया। नकली नोटों की सूचना मिलने पर झुंझुनूं जाने वाले रास्ते पर दादिया से ब्रिजेश सिंह को टोल पर लगाया। वहीं सदर थानाधिकारी पुष्पेंद्र को दूसरे टोल पर लगाया गया।