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बच्चें के गले में कुछ फंस जाएं तो अपनाइएं ये टिप्स

Published: Apr 11, 2018 04:20:28 am

चोकिंग यानी सांस की नली में कुछ फंसना, जिसे सामान्य भाषा में हम गले में कुछ अटकना कहते हैं। दरअसल, हमारे गले में भोजन व सांस नली…

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चोकिंग यानी सांस की नली में कुछ फंसना, जिसे सामान्य भाषा में हम गले में कुछ अटकना कहते हैं। दरअसल, हमारे गले में भोजन व सांस नली समानांतर होती है और जब हम कुछ खाते हैं तो एपिग्लोटिस नाम का एक कैप सांस की नली को ढंक देता है ताकि खाना भोजन की नली में ही जाए। लेकिन कभी-कभी खाने का कोई टुकड़ा सांस की नली में फंस जाता है, जिससे चोकिंग की समस्या हो जाती है। यह एक तरह से दम घुटने या सांस न ले पाने जैसी स्थिति होती है और जानलेवा भी हो सकती है, खासतौर पर बच्चों के मामले में-

ये हैं विशेष लक्षण

दम घुटना, सांस न ले पाना, कफ न निकलना, बोल न पाना, पीडि़त के नाखून और अंगुलियों का रंग नीला पड़़ जाना।

ये करें उपाय

पहला कदम : पीडि़त से स्पष्ट पूछें कि क्या उसके गले में कुछ अटक गया है। पीडि़त अपने इशारों या घुटी हुई आवाज में अगर हामी भरे तो तुरंत उसके पीछे की ओर जाएं।

दूसरा कदम : पीडि़त के पीछे जाकर दाएं हाथ को मुट्ठी बनाकर उसकी नाभि के पास रखें और बाएं हाथ को उस पर कसते हुए घेरा बना लें।

तीसरा कदम : अब नाभि और ब्रेस्ट बोन वाले हिस्से में तेजी से कसाव देते हुए अंदर व बाहर की ओर झटके दें। इन्हें एबडॉमिनल थ्रस्ट या हेमलिच मैन्युवर कहते हैं। ऐसा तब तक करें, जब तक कि अटका हुआ टुकड़ा पीडि़त के मुंह से बाहर न निकल जाए।

जब पीडि़त बेहोश हो तो ऐसा करें

तुरंत अस्पताल या डॉक्टर को फोन लगाएं और एंबुलेंस सहायता भेजने के लिए कहें।
सहायता आने के बीच के समय में पीडि़त व्यक्ति को पीठ के बल समतल सतह पर लिटा दें।
उसका मुंह खोलें और यदि गले में कुछ अटका हुआ दिख रहा हो तो उसे अंगुली से बाहर निकालने की कोशिश करें।

यदि कुछ अटका या फंसा

हुआ नहीं हो और पीडि़त को होश नहीं है तो तुरंत सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रेसीसिटेशन देंं।

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