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बेटियों ने संभाला पापा का ऑफिस, समझी चुनौतियां, सीखा समय प्रबंधन

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सीकरSep 26, 2018 / 04:38 pm

vishwanath saini

Bitiya at work sikar

बेटियां परिवार ही नहीं, समाज, देश और दुनिया के भी सुनहरे भविष्य की गंगोत्री हैं। आज स्कूल और कॉलेज में पढ़ रहीं बेटियों में से ही कुछ और मदर टेरेसा, इंदिरा गांधी, किरण बेदी, कल्पना चावला, सानिया मिर्जा, इदिरा निकलकर नई रोशनी बिखेरेंगी। इसी सद्भावना को ध्यान में रखकर पत्रिका समूह ने यह अभियान शुरू किया। मंगलवार को विभिन्न कार्यालयों में बेटियां अपने पापा के साथ ऑफिस पहुंची।

सीखा स्कूल संचालन
पापा के साथ सुबह स्कूल गई। कैसे स्कूल संचालित होता है और इसमें क्या चुनौती रहती है। पहले यह आसान काम लगता था, लेकिन पापा के साथ जाकर
हकीकत जानी।
ऑफिस : रा. प्रा. वि. बगडिय़ों की ढाणी, कटराथल
बिटिया का नाम : प्रिंस चौधरी
पिता का नाम : महेन्द्र सिंह भगत
तो इसलिए पापा को नहीं मिलता समय
ऑफिस : एसबीएस शिक्षण संस्थान, सबलपुरा
बिटिया का नाम : प्रतिष्ठा पचार
पिता का नाम : विजेन्द्र पचार, (निदेशक)
पापा अधिकांश समय काम में व्यस्त रहे हैं। मुझे आज उनके ऑफिस की कार्यप्रणाली जानने के बाद पता चला कि पापा का काम कितना चुनौतिपूर्ण है।

जाना मरीजों का दर्द
पापा के साथ अस्पताल जाकर मरीजों की पीड़ा नजदीक से समझने का माौका मिला।
निशा रायका
ऑफिस : अमर हॉस्पिटल
बिटिया का नाम : निशा रायका
पिता का नाम : डॉ. राजेंद्र रायका


पापा का काम काफी चुनौतीपूर्ण
ऑफिस : शेखावाटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस
बिटिया का नाम : सिमरन चौधरी
पिता का नाम : रणजीत सिंह, (निदेशक)
वाकई में मेरे पापा बहुत हार्डवर्क करते हैं। आज उनके ऑफिस में आकर और काम जानकर अच्छा लगा। पापा ने लगातार टॉप पर रहने के टिप्स दिए।

समझा पुलिस विभाग को
यह काम कितना तकनीक से भरा है। प ुलिस विभाग को भी समझा।-चित्रांशी
ऑफिस : संचित निरीक्षक कार्यालय
बिटिया का नाम : चित्रांशी
पिता का नाम : जितेंद्र नाबरिया

दिनभर पापाके साथ शोरूम पर रही। पापा के साथ रहकर बहुत कुछ सीखा। सौम्या
ऑफिस : नंदन आर्चीज
बिटिया का नाम : सौम्या
पिता का नाम : शरद खेतान

जानी काम की गतिविधि
स्कूल आकर सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक सम्पूर्ण गतिविधियों को नजदीक से जाना। स्कूल संचालन कोई आसान काम नहीं। -वर्षा चौधरी
ऑफिस : स्वामी केशवानंद शिक्षण संस्थान समूह, भढाडर
बिटिया का नाम : वर्षा चौधरी
पिता का नाम : रामनिवास ढाका, (निदेशक)
समझा पापा का काम
अब समझ आया कि पापा का कितना कठिन है। रियल एस्टेट क्षेत्र को थोड़ा समझने का मौका भी मिला। यह काम काफी चुनौतीपूर्ण है। साौभ्या
ऑफिस : दाधीच रियल एस्टेट
बिटिया का नाम : सौम्या दाधीच
पिता का नाम : योगेश दाधीच

पापा ऑफिस में कैसे काम करते है। यह आज जानने का मौका मिलेगा। पत्रिका की पहल काफी सराहनीय है।-सुनीता बाजिया
ऑफिस : स्वास्थ्य भवन के ऑफिस में
बिटिया का नाम : सुनीता बाजिया
पिता का नाम : फूल सिंह बाजिया (खाद्य सुरक्षा अधिकारी)
सीधे ऑनलाइन भर दें जानकारी
Bitiya@Work अभियान 30 सितम्बर तक चलेगा है। इसके लिए आप अपने बेटी को कार्यस्थल तक ले जाएं, उसे अपनी कुर्सी पर बैठाकर काम समझाएं। इस पल की फोटो अपने मोबाइल से खिंचवाएं। इसके बाद daughter.patrika.com पर लॉग ऑन करें, मांगे गए सामन्य विवरण भरकर यह फोटो सीधे अपलोड कर दें, अपनी बेटी का अनुभव कमेंट सेक्शन में अवश्य लिखें।
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