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राजस्थान में यहां दृष्टिहीन प्रकृति प्रेमी ने 5 वर्ष में लगाए 500 पौधे

locationसीकरPublished: Aug 13, 2022 11:05:39 am

Submitted by:

Mukesh Kumawat

-स्वयं के खर्चे पर पौधों को संवार रहे हैं
-ड्रिप सिस्टम व टैंकरों से डलवाते हैं पौधों में पानी
-गांव मंढ़ोली में लहलहा रहे पौधे

राजस्थान में यहां  दृष्टिहीन प्रकृति प्रेमी ने 5 वर्ष में लगाए 500 पौधे

राजस्थान में यहां दृष्टिहीन प्रकृति प्रेमी ने 5 वर्ष में लगाए 500 पौधे

मुकेश कुमावत

सीकर/नीमकाथाना. प्रकृति प्रेमी दृष्टिहीन गोपाल अग्रवाल ने गांव मढ़ोली में पांच वर्ष में 500 से ज्यादा पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण बढ़ाने का संदेश दे रहे हैं। यही नहीं हर वर्ष लगाने वाले प्रत्येक पौधों को गोपाल अपने स्वयं के खर्चे पर संवार भी रहे हैं। पौधों में पानी डलवाने के लिए उन्होंने बस स्टैंड से लेकर कुएं तक ड्रीप सिस्टम लगवा रखा है। दृष्टिहीन गोपाल के इस अभियान में गांव के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सहयोग कर रहे हैं। गोपाल ने पत्रिका को बताया कि वे कक्षा 11 वीं तक पढ़े हैं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर शुरू से ही इनकी रुचि रही है। उन्होंने बताया कि मुख्य स्टैंड से गांव में आने के लिए करीब एक किमी. पैदल चलना पड़ता है, दोनों तरफ मिट्टी के धोरों के बीच पेड़ नहीं होने से गर्मी में ग्रामीणों को स्टैंड से गांव तक छांव नहीं मिलती थी। इसको देख कर उन्होंने स्टैंड से लेकर गांव तक रास्ते के दोनों तरफ पौधे लगाए जो, आज लहलहा रहे हैं। इन्होंने गांव से निकलने वाले चारों तरफ रास्तों सहित मोक्षधाम व गौशाला में भी पौधारोपण किया है। वहीं छोटे पौधों को जानवर नहीं खा जाए इसके लिए वे अपने खर्चे से ट्री गार्ड भी लगाते हैं। पौधा बड़ा होने के बाद ट्री गार्ड को हटा देते हैं। गोपाल के अभियान की ग्रामीणों सहित गांव में बाहर से आना वाला हर व्यक्ति इस कार्य की सराहना करते हैं।

स्वयं हैंडपंप से लाकर भी देतेहैं पानी

गोपाल ने बताया कि कई पौधों में ड्रिप सीस्टम लगाकर उनको को नष्ट होने से बचा रहे हैं। कई इलाकों में वे स्वयं हैडपंप से तो कई पौधों में टैंकर से पानी डलवाते हैं। टैंकर का खर्चा भी गोपाल स्वयं वहन करते हैं। छोटे पौधो को खरपतवार व कीड़ा लगने से बचाने के लिए दवा का भी छिड़काव करते हैं।

माह में तीन बार आता है टैंकर

दृष्टिहीन गोपाल अग्रवाल अविवाहित है। गांव में वह अकेला ही रहता है। भाई नेपाल और झांसी रहते हैं। वो ही गोपाल को खर्चा भेजते हैं। गोपाल उस खर्च में से कुछ पैसे बचाकर पौधों में पानी डलवाने के लिए माह में तीन टैंकर मंगवाते हैं। उन्होंने बताया कि सर्दी में 2 व गर्मी में 3 टैंकर एक माह में मंगवाए जाते हैं।

बड़, पीपल सहित लहलहा रहे हैं अन्य पौधे

गांव में मुख्य सड़कों से लेकर चारों तरफ लगाए गए पौधों

में नीम, बड़, पीपल, अशोक व अन्य शामिल हैं। इस वर्ष 50 पौधे नए व 10 पौधे पहले नष्ट पौधों की जगह लगा चुके हैं। वहीं, 250 रुपए के 20 पीपल के पौधे अलग से गौशाला में लगाने के लिए जेसीबी से गड्ढे खुदवा रखे हैं।

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