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विश्व रक्तदाता दिवस: 26 साल पहले हादसे ने ऐसा झकझोरा कि वे आज 84 वीं बार करेंगे रक्तदान

सीकर. हादसे कभी सदमे तो कभी सीख का सबब बन जाते हैं। ऐसी एक सीख ने कोलिड़ा निवासी बीएल मील को रक्तवीर बना दिया।

सीकरJun 14, 2021 / 11:37 am

Sachin

विश्व रक्तदाता दिवस: 26 साल पहले हादसे ने ऐसा झकझोरा कि वे आज 84 वीं बार करेंगे रक्तदान

सीकर. हादसे कभी सदमे तो कभी सीख का सबब बन जाते हैं। ऐसी एक सीख ने कोलिड़ा निवासी बीएल मील को रक्तवीर बना दिया। जिन्हें 26 साल पहले रक्त की कमी से आंखों के सामने दम तोड़ते एक दुर्घटनाग्रस्त की मौत ने इतना झकझोर दिया कि रक्तदान का जीवनभर का संकल्प लेकर वे अब तक 83 बार रक्तदान कर चुके हैं। रक्तदाता दिवस पर सोमवार को 84वें रक्तदान की तैयार कर चुके मील 150 से ज्यादा रक्तदान शिविर भी आयोजित कर चुके हैं। जिनमें 15 हजार यूनिट से ज्यादा रक्त संग्रह करने सहित उनकी टीम 11 हजार यूनिट रक्त मरीजों तक भी पहुंचा चुकी हैं। यही नहीं ‘ब्लड की मिलÓ नाम से पहचान बनानेे वाले मील कोरोना काल में भी काफी सक्रिय रहे। लॉकडाउन में ही 22 रक्तदान शिविर आयोजित करने के साथ उन्होंने अपनी टीम के साथ 336 यूनिट प्लाज्मा भी देशभर के मरीजों तक पहुंचाया। जिसमें खुद का पांच बार का प्लाज्मा दान शामिल है।


26 साल पहले दुर्घटना ने बदला मन
बीएल मील को रक्त दानवीर 1995 में एसके कॉलेज के सामने हुए एक हादसे ने बनाया। बकौल मील कॉलेज में पढ़ाई के दौरान एक दिन कॉलेज के सामने ही एक दुर्घटना हो गई थी। जिसमें घायल एक युवक को अस्पताल ले जाने पर उसे खून नहीं मिल पाया। जिसकी वजह से उसने उनकी आंखों के सामने ही दम तोड़ दिया था। वह घटना उनके मन में एक टीस बन गई और उन्होंने रक्तदान करना शुरू किया।


मदद के लिए बनाया राजस्थान ब्लड डोनर गु्रप
मील सुधीर महरिया स्मृति संस्थान में निदेशक व महरिया संस्थान में सचिव पद पर है। जिनके तत्वावधान में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है। इनकी 150 सदस्यों की टीम है। जो राजस्थान ब्लड डोनर गु्रप के नाम से सोशल मीडिया व व्यक्तिगत संपर्कों के आधार पर रक्त संग्रहण व जरुरतमंद मरीजों तक मदद पहुंचाने का काम करती है। टीम में उनका परिवार भी शामिल है। जिसमें उनके भाई, दो बेटियां व भतीजा सक्रीयता से काम करते हैं।


कोरोना काल में 22 शिविर लगवाए, देशभर के मरीजों तक पहुंचाया प्लाज्मा

कोरोना काल में बढ़ी रक्त व प्लाज्मा की मांग की वजह से मील लॉकडाउन में भी घर नहीं बैठे। अपनी टीम के साथ उन्होंने पिछले साल के लॉकडाउन से अब तक 22 रक्तदान शिविर लगवाकर 2200 यूनिट से ज्यादा रक्त संग्रह करवाया। 336 यूनिट प्लाज्मा देशभर के मरीजों तक पहुंचाया। इस काल में खुद मील छह बार रक्त, पांच बार प्लाज्मा व एक बार प्लेटलेट्स दान कर मरीजों के मददगार बने। विश्व रक्तदाता दिवस पर सोमवार को भी पिपराली रोड पर उनकी टीम रक्तदान शिविर का आयोजन करेगी।

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