आवाज लगाई और चढ़ाई ड्रिप
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि वार्ड में आने पर नर्सिंग स्टाफ ने महावीर को आवाज लगाई थी। परिजनों ने महावीर की तरफ इशारा किया और स्टाफ ने उसके खून की ड्रिप चढ़ाकर चला गया। जबकि जिस नवलगढ़ के महावीर को खून चढऩा था। वह इस दौरान बेड पर नहीं होने के कारण नर्सिंग स्टाफ धोखा खा गया और बिना तहकीकात किए बगैर जल्दबाजी में दूसरे रोगी को खून चढ़ा दिया।
दूसरा रोगी भी पार
स्टाफ की लापरवाही सामने आने पर नवलगढ़ का महावीर भी बिना बताए ही अस्पताल से चला गया। जिसको बाद में अस्पताल स्टाफ के लोग खोजते रहे। ऐसा कई बार देखने को मिला है कि मेल मेडिकल में जगह कम और मरीज ज्यादा आने पर मजबूरी में रोगियों को खाली पड़े दूसरे वाडऱ्ों में भर्ती करना पड़ता है और इलाज में गफलत हो जाती है।
पहले बदली जांच
कुछ सालों पहले भी अस्पताल के फिमेल मेडिकल वार्ड में एक महिला मरीज के खून की रिपोर्ट ए पॉजीटिव बताने पर परिजन इस ग्रुप का खून लेकर आ गए थे। जबकि इसके तुरंत बाद मौके पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने महिला मरीज के खून की रिपोर्ट बी पॉजीटिव परिजनों को बताई। मामले में यदि मरीज के परिजनों ने सावधानी नहीं बरती होती तो महिला मरीज के भी दूसरे ग्रुप का खून स्टाफ चढ़ा देता।