खेल उपलिब्धयों का स्तर निम्न
द्वितीय व तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लोक सेवा आयोग व कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से किए जाने का प्रावधान किया गया। 2011 से लेकर अभी तक तीन बार शारीरिक शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है। जिसमें खेल मैदान की उपलिब्धयों को निम्न स्तर पर रखा गया है।
कैसे बनेंगे अच्छे खिलाड़ी
जब अच्छे खिलाड़ी शारीरिक शिक्षक नहीं बनेंगे तो क्या उम्मीद की जा सकती है कि बच्चे अच्छे खिलाड़ी बन सकें। इन भर्तियों में 500 अंक चयन का आधार है। जिसमें 200 अंक सामान्य ज्ञान के 260 अंक खेल संबंधी जानकारी देने तथा केवल मात्र 40 अंक ही खेल की उपलिब्धयां के निर्धारित हैं।
पढ़ाई में अव्वल छात्र मार रहे बाजी
पढ़ाई में अव्वल रहने वाले छात्र तथा कोचिंग के माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्र इसमें बाजी मार लेते हैं। प्रदेश में 17 प्रशिक्षण संस्थान है। जिनमें 1550 सीटें निर्धारित है। इन संस्थानों से ही खेल की डिग्री मिलती है। इनमें राष्ट्रीय व राज्य स्तर के खिलाड़ी का ही चयन होता है। लेकिन प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में खेल की डिग्री के लिए किसी भी प्रकार के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में वो बड़ी आसानी से पढ़ाई के दम पर भर्ती परीक्षाओं में पास हो जाते हैं।
खेल प्रतियोगिताओं का स्तर अंक
1. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लेना या राष्ट्रीय स्तर पर विजेता 40
2. राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान 36
3. राष्ट्रीय स्तर पर तृतीय स्थान 32
4. राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेना या राज्य स्तर पर विजेता 28
5. राज्य स्तर पर द्वितीय स्थान 24
6. राज्य स्तर पर तृतीय स्थान 20
7. राज्य स्तर पर भाग लेना या जिला स्तर पर विजेता 16
8. जिला स्तर पर द्वितीय स्थान 12
9. जिला स्तर पर तृतीय स्थान 08
10. जिला स्तर पर भाग लेना 04
इनका कहना...
एक अच्छा खिलाड़ी ही एक अच्छा प्रशिक्षक होता है, भर्ती नियमों ने खेल मैदानों की प्रतिभाओं को दरकिनार कर किताबी ज्ञान को खेलों की कमान सौंप कर शारीरिक शिक्षा को खेल मैदानों से दूर कर दिया है। सरकार भर्ती नियमों में संसोधन कर अच्छे खिलाडिय़ों को इस पद पर चयनित होने का अवसर दे, अन्यथा भविष्य में अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे।
उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ(शेखावत)