सीकरPublished: Jun 18, 2021 06:03:20 pm
Suresh
पुलिस जाब्ते के साथ सात घंटे तक विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई ही गई
500 करोड़ की अवैध कॉलोनियों पर चला बुलडोजर
सीकर. पत्रिका में अवैध कॉलोनियों का खेल उजागार होने के बाद यूआईटी अमला जाग गया है। यूआइटी सचिव इन्द्रजीत सिंह तीन दिन से खुद मोर्चा संभाले हुए है। गुरुवार सुबह यूआइटी अमला भारी पुलिस जाब्ते के साथ अवैध कॉलोनियों में पहुंच गया। अवैध कॉलोनियो में टीम के पहुंचते ही कॉलोनाईजर्स में खलबली मच गई। टीम ने दूसरे दिन शहर में लगभग 200 बीघा में बसने वाली 20 कॉलोनियों की सड़क, चारदीवारी, गेट व पानी की अस्थाई टंकियों को ध्वस्त कर दिया है।
इससे अवैध कॉलोनियों को बसाने वाले बिल्डरों को लगभग 500 करोड़ का झटका लगा है। यूआईटी सचिव ने बताया कि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी। कार्रवाई के दौरान न्यास के भू-अभिलेख निरीक्षक प्रहलाद राय मीणा व अतिक्रमण दस्ते के प्रभारी रामेश्वर दयाल वर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।
दूसरे दिन इन क्षेत्रों में कार्रवाई
यूआईटी टीम ने दूसरे दिन नला का बालाजी, समर्थपुरा, राधाकिशनपुरा, दादली, चारण का बास व हरदयालपुरा सहित अन्य क्षेत्रों की 50 से अधिक खसरों में बसने वाली अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की है। यूआईटी दस्ते की ओर से गुरुवार को सात घंटे तक विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई की गई।
पहली बार इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई
यूआईटी के गठन के बाद पहली बार सीकर जिला मुख्यालय पर इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई है। इससे पहले दस कॉलोनियों के खिलाफ एक साथ कार्रवाई की गई थी। यूआईटी की कार्रवाई से इन कॉलोनियों में भूखंड बेचने वालों की मुसीबत बढ़ गई है।
बड़ा सवाल: बिना अनुमोदन कृषि भूमि पर बिजली कनेक्शन
अवैध कॉलोनियों के मामले में बड़ा सवाल भी खड़ा हो रहा है। यूआइटी ने इन कॉलोनियों का नियमन ही नहीं किया उससे पहले बिजली निगम ने वहां कनेक्शन जारी कर दिए। कई कॉलोनियों में नोटरी के आधार पर भूखंड भी बेचे जा रहे हैं। ऐसे में यदि जिला प्रशासन स्तर पर मॉनिटरिंग होती तो यह कॉलोनी नहीं बसती। हालांकि अब यूआईटी सचिव ने जिला कलक्टर, विद्युत निगम के एसई व उप पंजीयक कार्यालय को पत्र लिखा है। उन्होंने कलक्टर को दुबारा लिखे पत्र में बताया कि कृषि भूमि पर बसने वाली कॉलोनियों पर बिना न्यास की एनओसी के कनेक्शन जारी नहीं किया जाए।
चमचमाती सड़क व सारी सुविधाएं
इन अवैध कॉलोनियों में कॉलोनाइजर्स की ओर से बिजली-पानी की सुविधा दी जा रही थी। इसके अलावा सड़कों का निर्माण भी अपने स्तर पर कराया गया। इससे कई लोग यूआईटी से अनुमोदित समझकर भूखंड ले लेते। अब इन कॉलोनियों में भूखंड लेने वाले 500 से 600 परिवारों की मुसीबत भी बढ़ गई है। इन कॉलोनियों के भूमि रूपान्तरण नहीं कराने सहित कई अन्य वजहों से अवैध करार दिया गया है।
वैद्य कॉलोनी में लें भूखंड: यूआईटी सचिव
यूआईटी सचिव ने अभियान के बाद शहरवासियों के नाम अपील भी की है। उन्होंने बताया कि कई कॉलोनाइजर्स के झांसे में आकर सैकड़ों लोग अवैध कॉलोनियों में भूखंड ले लेते है। इससे उनकी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई पलभर में चली जाती है। उन्होंने कहा कि नगर सुधार न्यास से अनुमोदित कॉलोनियों में ही भूखंड खरीदना चाहिए जिससे कोई खतरा नहीं रहे। यूआईटी सचिव का कहना है कि कोई भी व्यक्ति अनुमोदित कॉलोनियों की सूची यूआईटी कार्यालय में देख सकता है।
आगे क्या: सिवायचक करने की कार्रवाई तेज
यूआईटी ने अवैध कॉलोनियेां के खिलाफ खसरा नंबर के आधार पर केस दर्ज करने की तैयारी भी कर ली है। इसके तहत इन कॉलोनियों को सिवायचक घोषित करने की तैयारी कर ली है। इस मामले में यूआइटी सचिव ने जिला कलक्टर को भी रिपोर्ट दे दी है।