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सीकर में सात साल में तीन बार बदले बस स्टैण्ड, फिर भी जनता को राहत नहीं

locationसीकरPublished: Jan 13, 2018 03:10:27 pm

Submitted by:

vishwanath saini

जिला प्रशासन ने सात साल में तीन बार बस स्टैण्डों को बदलने की कवायद की।

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सीकर.

शहरवासियों को जाम की समस्या से राहत देने के लिए जिला प्रशासन ने सात साल में तीन बार बस स्टैण्डों को बदलने की कवायद की। लेकिन प्रशासन एक बार भी आमजन को राहत देने में सफल नहीं हो सका।
सबसे पहले तत्कालीन जिला कलक्टर मंजू राजपाल, एसएस सोहता व एलएन सोनी के समय बस स्टैण्डों के फेरबदल को लेकर कवायद हुई। तीन बस स्टैण्ड बदले भी गए। लेकिन इस बीच अधिकारियों का तबादला होने सहित अन्य कारणों से मामला ठंडे बस्ते में अटक गया। अभी बस संचालकों ने कई स्थानों पर तो मनमर्जी से बस स्टैण्ड बना रखे है। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन कुछ बस स्टैण्डों को आबादी क्षेत्र से दूर करें तो जाम से कुछ राहत मिल सकती है।

फतेहपुर रोड: मर्जी से बदल जाते हैं स्टैण्ड

इस मार्ग पर पहले सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यालय के सामने स्थित पानी की टंकी के पास बस स्टैण्ड निर्धारित थ। बाद में प्रशासन ने पुलिया के पास जाम की बढ़ती समस्या को देखते हुए खटीकान प्याऊ के पास बस स्टैण्ड शिफ्ट कर दिए। लोगों के विरोध के बाद फिर से बस स्टैण्ड से मारू स्कूल के पास शिफ्ट किया गया। जयपुर रोड पर प्रशासन ने एक स्थान पर बस स्टैण्ड बनाने के फेर में सात वर्ष गुजार गए। यहां पहले बस डिपो तिराहा और पुलिस कन्ट्रोल रुम के पास बस स्टैण्ड तय था। लगभग दो वर्ष पहले तत्कालीन जिला कलक्टर ने कृषि उपज मंडी के पास बस स्टैण्ड निर्धारित कर दिया। लेकिन बसों का संचालन फिलहाल तीनों स्थानों से ही हो रहा है।

अधिकारियों के तबादले के साथ बदल जाती है योजना
बस स्टैण्ड के निर्धारण को लेकर सीकर में अधिकारियों के तबादले के साथ योजना बदल जाती है। कभी भी यातायात के दवाब को ध्यान में रखकर निर्णय नहीं लिया गया। तीन वर्ष पहले शहर के सभी बस स्टैण्डों को भी शहर से बाहर भेजने की योजना बनी। लेकिन यह योजना भी कागजी साबित हुई।

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