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सावधान ! फिर किसी बच्चे की जिंदगी खतरे में

देश में खुले बोरवेलों के कारण हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी जलदा विभाग आंखें मूंदे बैठा है। बोरवेल में पानी खत्म होने के बाद ट्यूबवेल से जलदाय विभाग ने अपने पाइप, मोटर, केबल तो निकाल लेते हैं, लेकिन ट्यूबवेल को ऊपर से बंद करना मुनासिब नहीं समझते।

सीकरMay 22, 2019 / 07:07 pm

Gaurav kanthal

सावधान ! फिर किसी बच्चे की जिंदगी खतरे में

श्रीमाधोपुर. देश में खुले बोरवेलों के कारण हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी विभाग आंखें मूंदे बैठा है। कस्बे के वार्ड 4 स्थित राजकीय उत्कृष्ट आदर्श प्राथमिक विद्यालय डेरारामसागर के पास जलदाय विभाग ने काफी समय पहले पानी के लिए ट्यूबवेल बनवाया था। बोरवेल में पानी खत्म होने के बाद ट्यूबवेल से जलदाय विभाग ने अपने पाइप, मोटर, केबल तो निकाल ले गए, लेकिन ट्यूबवेल को ऊपर से बंद करना मुनासिब नहीं समझा। स्कूल के सामने से बोरवेल के पास से ढाणी में जाने का रास्ता है। स्कूल समय में पास ही स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र होने से खुले ट्यूबवेल के पास छोटे-छोटे बच्चे खेलते रहते हैं, जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ग्राम वासियों ने कई बार जलदाय विभाग, शिक्षा विभाग को बोरवेल के ढक्कन लगाने की मांग की लेकिन शायद वे किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं। इसी तरह निकटवर्ती गांव कंचनपुर में चार दुकान बस स्टैंड के पास, सडक़ से मात्र दस फीट की दूरी पर कई वर्षों से बोरवेल खुला पड़ा है। ग्रामीण प्रभुदास महाराज ने बताया कि कई वर्षों पूर्व खोदे गए बोरवेल को आज तक बंद नहीं किया गया। ग्रामीण विकास सेन ने बताया कि बोरवेल के पास ही उसके घर है, यह सडक़ से मात्र 10 फीट की दूरी पर है, आस पास के परिवारों के छोटे बच्चे इसके पास ही खेलते रहते हैं। ग्रामीण अमर चंद शर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायत कंचनपुर में इसकी सूचना भिजवाई हुई है परन्तु इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ग्रामीणों की मांग है कि इस बोरवेल को बंद किया जाए तथा गांव में राधेश्याम शर्मा के घर के पास बोरवेल को भी बंद किया जाए। वहीं गोमावाली में भी ढाबावाली जाने वाले रास्ते पर एक खेत में बोरवेल खुला पड़ा है।
हरियाणा के प्रिंस से शुरू हुआ खुले बोरवेल में गिरने का दुखद सिलसिला देशभर में लगातार जारी है। जोधपुर के मेलाना गांव में सोमवार को काल का ग्रास बनी चार वर्षीय सीमा का नया नाम भी उसमें जुड़ चुका है। इधर, श्रीमाधोपुर में खुले बोरवेल के पास खेलते बच्चों को देखकर पत्रिका संवादाता ने पास के मकान और गांव के लोगों को बुलाकर बोरवेल में बच्चों के गिरने जैसी घटनाओं के बारे में बताया। साथ ही बच्चों को बोरवेल से दूर रखने की हिदायत दी।
वहीं गांव के प्रभुदास महाराज, अमरचन्द शर्मा, विकास सैन को बुलाकर बोरवेल को पत्थर से ढंकवाया और जलदाय विभाग के अधिकरियों का सूचना दी। वहीं डेरारामसागर में खुले पड़े बोरवेल पर महिलाओं ने पत्थर रखकर बन्द किया। साथ ही उन्होंने कहा कि इनके ढक्कन लगाकर पुख्ता बन्द करवाने की मांग की।

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