ये समस्याएं आई सामने
ग्राम पंचायत बाय की वेबीनार में युवा व्यापारी श्रवण कुमावत ने कहा कि हमारे गांव में पीने के पानी की प्रमुख समस्या है। गृहणी शोभा देवी ने बताया कि गांव में चिकित्सालय तो है लेकिन चिकित्सक समय पर नहीं आते हैं। बसंत पाराशर ने कहा कि गांव में पुस्तकालय की सुविधा मिले तो युवाओं को फायदा मिल सकता है। नवसृजित ग्राम पंचायत मगनपुरा की चर्चा में रतनलाल बंसिया ने कहा कि ग्राम पंचायत में दो बड़ी गौशाला है मगर पशु चिकित्सालय नहीं होने से परेशानी है। गृहणी संतोष देवी ने कहा कि हमारे गांव का माध्यमिक विद्यालय क्रमोन्नत नहीं हुआ पंचायत को स्वच्छता की दिशा में ध्यान देना होगा। ग्राम पंचायत दांता क मूलचंद कुमावत ने कहा कि हर चुनाव में पेयजल का मुद्दा गूंजता है लेकिन बाद में वादों में उलझ जाता है। रामदेव जाट ने कहा कि गांव में कई सालों से सड़कों के हालात दयनीय हो रखे हैं। प्रवीण शर्मा ने आवारा पशुओं का मुद्दा उठाया। वहीं, ग्राम पंचायत सुरेरा के मुकेश रेगर ने कहा कि चुनाव स्वच्छ छवि का व्यक्ति ही जीतना चाहिए। राकेश वर्मा ने पानी निकासी नहीं होने की वजह से परेशानी की बात कही। कानाराम ने जर्जर पंचायत भवन को ठीक कराने की बात कही। जबकि लक्ष्मी दायमा ने भी ग्रामीण विकास के कई सुझाव दिए।
ग्रामीणों ने यह बनाया एजेंडा
पेयजल के लिए ग्राम पंचायत एक रोडमैप तैयार कर काम करें। पेयजलकी पारदर्शी व निष्पक्ष वितरण व्यवस्था हो और ग्राम सभाएं ज्यादा सक्रिय होकर काम करे। इसके अलावा शहरों की तर्ज पर डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था के साथ ग्राम पंचायत स्तर पर खेल मैदान की सुविधाएं भी विकसित की जाएं।