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ज्यादातर राज्यों ने बना रखी दो श्रेणी, हमारी सरकार एक श्रेणी के जरिए दे रही खिलाडि़यों को दर्द

locationसीकरPublished: May 17, 2023 12:27:41 pm

Submitted by:

Ajay

खिलाडि़यों का आरोप: कार्मिक विभाग की चूक से लगा नौकरी की उम्मीदों को झटकाखेल कोटे के नियमों में बदलाव होने से मिल सकती है 40 हजार से अधिक खिलाडि़यों को राहतपत्रिका अभियान: दर्द दूर करो सरकार

ज्यादातर राज्यों ने बना रखी दो श्रेणी, हमारी सरकार एक श्रेणी के जरिए दे रही खिलाडि़यों को दर्द

ज्यादातर राज्यों ने बना रखी दो श्रेणी, हमारी सरकार एक श्रेणी के जरिए दे रही खिलाडि़यों को दर्द

कार्मिक विभाग की चूक ने प्रदेश के 40 हजार से अधिक खिलाडि़यों की नौकरी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। दरअसल, पिछले साल कार्मिक विभाग ने प्रदेश में खेल कोटे के दो फीसदी आरक्षण के हकदार खिलाडि़यों की सरकारी नौकरियों के नियम बदल दिए गए। खिलाडि़यों का आरोप है कि कार्मिक विभाग ने बिना कोई एक्सपर्ट कमेटी बनाए और खिलाडि़यों का पक्ष सुने बिना ही नए नियम बना दिए। पत्रिका ने इस मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि देश के ज्यादातर राज्यों में ओलम्पिक और खेल मंत्रालय से सम्बद्ध खेलों के खिलाडि़यों को नौकरी दी जाए है। उन राज्यों में दोनों श्रेणियों के लिए अलग-अलग विभाग व अलग गे्रड पे की भर्तियां शामिल है। जबकि राजस्थान में नए नियमों के तहत खेल कोटे में ओलम्पिक संघ से सम्बद्ध खेलों के खिलाडि़यों को प्रााथमिकता दी जा रही है। इस वजह से मंत्रालय से सम्बद्ध खेलों की खिलाड़ी नौकरी दौड़ से पूरी तरह बाहर हो गए है। खिलाडि़यों का कहना है कि यदि सरकार की ओर से अन्य राज्यों की तर्ज पर भर्तियों का फॉर्मूला तैयार किया जाए तो खिलाडि़यों को राहत मिल सकती है।


सीनियर खिलाड़ी बोले, नियमों में बदलाव करें सरकार

गलत दस्तावेज देने पर भी हो कार्रवाई
परीक्षा एजेंसियां खेल कोटे के सभी अभ्यर्थियों को पास कर उनके दस्तावेज सत्यापन करने चाहिए। कोटे के पद के अनुसार ही दस्तावेज सत्यापन के लिए अभ्यर्थी रखने से अभ्यर्थियों के दस्तावेज खारिज होने पर पद खाली रह जाते हैं। साथ ही दस्तावेज सत्यापन के दौरान गलत परीक्षार्थी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए। एक तरफ पद खाली जाए रहे है दूसरी तरफ मंत्रालय से सम्बद्ध खेलों के खिलाड़ी नौकरी की बाट जोह रहे है यह गलत है।
रामगोपाल सामोता, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शारीरिक शिक्षक

फिर तो कैसे मिलेगा बढ़ावा
सरकार एक तरफ खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की बातें करती है दूसरी तरफ खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों से दूर कर रही है। ऐसे में सरकार की ओर से खेल कोटे को लेकर भर्तियों में किए गए बदलाव के नियमों की नए सिरे से समीक्षा करनी चाहिए जिससे खिलाडि़यों को राहत मिल सके। पुराने नियमों में कोई खामी नहीं थी। इसके बाद भी खिलाडि़यों पर मनमर्जी के नियम थोपे गए है।
हरलाल सिंह मावलिया, वॉलीबॉल खिलाड़ी

ऐसे तो लगातार खाली रहेंगे पद
खेल कोटे की भर्तियों के नियमों में सरकार ने अचानक बदलाव कर दिया। ऐसे में फिर से मान्यता मिलती है तो खिलाड़ियों को इससे लाभ होगा। खेल कोटे से भर्तियों के दौरान खाली रहने वाले पद भी भर जाएंगे। ऐसे में खिलाड़ियों को नौकरियों में लाभ मिलेगा और उनकी मेहनत भी रंग लाएगी। सरकार को इस दिशा में नए सिरे नियमों पर विचार करना चाहिए।
बलबीर राम राबिया, शारीरिक शिक्षक

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