हर बार लापरवाही, लेकिन सरकार से मिल रही मंदिर कमेटी को शह…
1. कोरोनाकाल में मंदिर खोला, एसडीएम ने लगाया जुर्माना:
कोरोनकाल में खाटूमंदिर के पट खोलने की वजह से मंदिर कमेटी विवादों में रही है। इस पर तत्कालीन एसडीएम ने मंदिर कमेटी पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया। मंदिर कमेटी ने सफाई दी कि मंदिर में तैनात गार्डो ने भक्तों को दर्शन कराए। कोरोनाकाल में भक्तों को दर्शन कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इस मामले में भी संभागीय व तत्कालीन जिला कलक्टर ने मंदिर कमेटी
2. कोरोनाकाल में लगाए दान पात्र, फिर मानी गलती:
खाटूश्यामजी मंदिर परिसर में लगी देवस्थान विभाग की दान पेटियों को लेकर भी विवाद सामने आ चुका है। इस मामले में सामाजिक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया। देवस्थान विभाग की जांच अब तक उलझी हुई है। दरअसल, कोरोनाकाल में बिना देवस्थान विभाग की अनुमति के मंदिर कमेटी ने दानपात्र लगा दिए थे।
3. कई मेलों में भगदड़, फिर भी मॉनिटरिंग नहीं:
खाटूश्यामजी में कई बार भगदड़ जैसे हालात हो चुके है। लेकिन मंदिर कमेटी से लेकर प्रशासन की मॉनिटरिंग बेहद लचर है। मंदिर कमेटी की ओर से हर बार प्रशासन के दखल को रोकने के लिए प्रशासन को गुमराह किया जाता रहा। इस वजह से यहां इंतजामों में सुधार नहीं हो सका।
4. वीआईपी दर्शनों के नाम पर लूट: संभागीय आयुक्त ने लगाई थी फटकार
बाबा श्याम के दर्शनों के नाम पर वीआईपी कार्ड का खेल भी लगातार जारी है। पत्रिका ने मंदिर कमेटी की ओर से मोटी राशि लेकर कई कार्ड जारी करने का खुलासा किया था। इस पर तत्कालीन संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने मंदिर कमेटी को फटकार लगाकर ऐसे कार्डो को रद्द करने की बात कही थी। इसके बाद मंदिर कमेटी की ओर से सफाई दी गई कि इस तरह के कोई कार्ड जारी नहीं किए गए।
5. मेले की व्यवस्थाओं में ढ़ील:
खाटूश्यामजी के मुख्य मेले से लेकर मासिक मेलों में लगातार भक्तों की संख्या बढ़ रही है। इसके बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो रहा है। पिछले साल मंदिर के मुख्य मार्ग के यहां से रास्ते की चौड़ाई बढ़ाने की बात कही गई। लेकिन अभी तक योजना कागजों में अटकी हुई है।
लाइव: चीखने चिल्लाने लगे लोग, मदद की करते रहे पुकार
श्याम बाबा के दर्शनों के लिए लगी कतारों के बीच ही मंदिर के पट रात को बंद हो गए। इससे श्रद्धालुओं की कतारें बढऩे लगी। मंदिर का पट खुलने तक भीड़ का दबाव अचानक तेज हो गया। जिसमें धक्के लगने से प्रवेश द्वार के पास श्रद्धालु गिरने लगे। पीछे की भीड़ भी ऊपर गिरने के साथ उन्हें पैरों तले दबाते हुए आगे निकल गई। इस दौरान चारों तरफ चीख पुकार मच गई। औरतें, बच्चे व बूढ़े चिल्लाने के साथ मदद मांगने के लिए पुकारने लगे। काफी देर तक माहौल संभाला नहीं जा सका।
मोहन लाल, प्रत्यक्षदर्शी
1. कोरोनाकाल में मंदिर खोला, एसडीएम ने लगाया जुर्माना:
कोरोनकाल में खाटूमंदिर के पट खोलने की वजह से मंदिर कमेटी विवादों में रही है। इस पर तत्कालीन एसडीएम ने मंदिर कमेटी पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया। मंदिर कमेटी ने सफाई दी कि मंदिर में तैनात गार्डो ने भक्तों को दर्शन कराए। कोरोनाकाल में भक्तों को दर्शन कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इस मामले में भी संभागीय व तत्कालीन जिला कलक्टर ने मंदिर कमेटी
2. कोरोनाकाल में लगाए दान पात्र, फिर मानी गलती:
खाटूश्यामजी मंदिर परिसर में लगी देवस्थान विभाग की दान पेटियों को लेकर भी विवाद सामने आ चुका है। इस मामले में सामाजिक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया। देवस्थान विभाग की जांच अब तक उलझी हुई है। दरअसल, कोरोनाकाल में बिना देवस्थान विभाग की अनुमति के मंदिर कमेटी ने दानपात्र लगा दिए थे।
3. कई मेलों में भगदड़, फिर भी मॉनिटरिंग नहीं:
खाटूश्यामजी में कई बार भगदड़ जैसे हालात हो चुके है। लेकिन मंदिर कमेटी से लेकर प्रशासन की मॉनिटरिंग बेहद लचर है। मंदिर कमेटी की ओर से हर बार प्रशासन के दखल को रोकने के लिए प्रशासन को गुमराह किया जाता रहा। इस वजह से यहां इंतजामों में सुधार नहीं हो सका।
4. वीआईपी दर्शनों के नाम पर लूट: संभागीय आयुक्त ने लगाई थी फटकार
बाबा श्याम के दर्शनों के नाम पर वीआईपी कार्ड का खेल भी लगातार जारी है। पत्रिका ने मंदिर कमेटी की ओर से मोटी राशि लेकर कई कार्ड जारी करने का खुलासा किया था। इस पर तत्कालीन संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने मंदिर कमेटी को फटकार लगाकर ऐसे कार्डो को रद्द करने की बात कही थी। इसके बाद मंदिर कमेटी की ओर से सफाई दी गई कि इस तरह के कोई कार्ड जारी नहीं किए गए।
5. मेले की व्यवस्थाओं में ढ़ील:
खाटूश्यामजी के मुख्य मेले से लेकर मासिक मेलों में लगातार भक्तों की संख्या बढ़ रही है। इसके बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो रहा है। पिछले साल मंदिर के मुख्य मार्ग के यहां से रास्ते की चौड़ाई बढ़ाने की बात कही गई। लेकिन अभी तक योजना कागजों में अटकी हुई है।