अब राजस्थान के सीकर जिले में भी एक ऐसा ठग नटवर लाल सामने आया है, जिसने जिले के सांगरवा गांव में लॉटरी का झांसा देकर करीब एक करोड़ रुपए ठग लिए।
शिश्यू(सीकर). सबसे बड़े ठग नटवर लाल को कौन नहीं जानता। उसकी अजब ठगी के गजब कारनामे आज भी लोगों की जुबान पर है। अब राजस्थान के सीकर जिले में भी एक ऐसा ठग नटवर लाल सामने आया है, जिसने जिले के सांगरवा गांव में लॉटरी का झांसा देकर करीब एक करोड़ रुपए ठग लिए।
इस मामले में जिस व्यक्ति पर ठगी का आरोप लगाया जा रहा है वह परिवार सहित गांव छोडकऱ फरार हो गया है। खास बात यह भी है कि इस मामले में पुलिस अभी तक परिवाद ही लेकर घूम रही है और मुकदमा तक दर्ज नहीं किया है। जबकि ठगी करने वाले परिवार का कोई अता पता ही नहीं है।
सांगरवा गांव के सुनील गढवाल, अशोक कुमावत व विक्रम पारीक ने बताया कि गांव में कैलाश गुवारिया, जगदीश व सुरेश गुवारिया रहते थे। इन लोगों ने गांव व आसपास के 450 लोगों के तीन समूह बनाए। इन सभी लोगों से ये लोग हर महीने एक हजार रुपए लेते थे और करीब 50 महीने तक इनसे पैसे भी लिए। जिसकी एवज में सदस्यों को लॉटरी में महंगी चीजें देने का झांसा देते रहे।
ग्रामीणों का आरोप है कि वे गांव के लोगों से एक करोड़ नौ लाख रुपए ले गए। गांव में उन्होंने रहने के लिए आलीशान मकान भी बनाया था जिसकी वजह से लोग उनके झांसे में आ गए। 31 अक्टूबर को ये लोग परिवार को साथ लेकर रातों रात गायब हो गए। इससे ग्रामीणों में हडक़ंप मच गया। लोगों ने रानोली थाने में पहुंचकर परिवाद दिया था।
जिसकी जांच थाने के एएसआई छिगन लाल को सौंपी गई थी। परिवाद के बाद से अब तक न तो पुलिस ने इसका मुकदमा दर्ज किया और न ही जांच आगे बढ़ पाई है। आरोपितों ने गांव की ही एक युवती से भी पांच लाख की ठगी की थी। नौ साल पहले आकर बसे थे गांव में सांगरवा के सोहनलाल जाट, रणजीत जाट, सम्पत खटीक, रामलाल खटीक, विकास खटीक ने बताया कि ठगी करने वाला परिवार सांगरवा में 2008 में आकर बसा था।
यहां इन्होंने सबसे पहले कपड़ा बेचने का कारोबार शुरू किया था। इसके बाद चुड़ी-मुंदड़ी व मणीहारी की दुकान खोली और फि र लॉटरी खोलने का गोरखधंधा शुरू कर दिया। इससे पहले यह परिवार खंडेला व शाहपुरा में रहता था।