scriptपानी के बिलो में उपभोक्ताओं के साथ धोखा | Cheating with consumers in water bills | Patrika News

पानी के बिलो में उपभोक्ताओं के साथ धोखा

locationसीकरPublished: Jul 11, 2019 06:27:56 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

सरकार और विभाग के बीच तालमेल की कमी उपभोक्ताओं पर भारी

sikar

पानी के बिलो में उपभोक्ताओं के साथ धोखा

सीकर. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से जारी पेयजल शुल्क की नई दरों ने उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। जिन उपभोक्ताओं ने घरों में सरकारी मीटर लगवा रखे है, उन्हें सबसे ज्यादा बिल भरना पड़ रहा है।
उसके बाद निजी और जिन उपभोक्ताओं ने मीटर ही नहीं लगवा रखा उन्हें सबसे कम बिल दे रहे हैं। राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों में निशुल्क एवं शहरी क्षेत्र में 15 हजार लीटर उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के बिलों में छूट देने की बात की। लेकिन विभाग मीटर नहीं लगाने वाले उपभोक्ताओं को बढ़ावा दे रहा है।
तीन महीने से जारी हुआ बिल
राज्य सरकार ने 1 अप्रेल से प्रदेशभर में उपभोक्ताओं के बिल नई दरों से जारी करने के आदेश दिए। उसके बावजूद अप्रेल, मई और जून महीने का बिल जलदाय विभाग ने रोक कर रखे। विभाग का कहना है कि राज्य सरकार के आदेश स्पष्ट नहीं होने के चलते बिल रोके गए। बिल जारी नहीं होने तक उपभोक्ताओं असमंजस में थे। राज्य सरकार की नई योजना के तहत उपभोक्ताओं को बिल माफ होने की उम्मीद थी।15 हजार लीटर जल उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को मासिक बिल ही नहीं भरना होगा, लेकिन ऐसा भी नहीं है। राज्य सरकार ने केवल उपभोक्ताओं को जल उपभोग और सीवरेज शुल्क में छूट दी है। तीन महीने पहले 20 हजार लीटर प्रति माह जल उपभोग पर दो माह में निजी मीटर पर 182, सरकारी मीटर 238 एवं जिन घरों में मीटर नहीं उन से पेनल्टी के साथ 121 रुपए वसूले जा रहे थे। लेकिन अब निजी मीटर पर 165, सरकारी पर 216 और बिना बिल वालो को केवल मात्र 55 रुपए भरने पड़ रहे है।
चोरी विभाग दे रहा उपभोक्ताओं का साथ
सीकर शहर में कुल 37562 जल कनेक्शन हैं। इन उपभोक्ताओं को अब पानी रीडिंग के लिए मीटर लगाना अनिवार्य हैं। सवाल यह है कि एक अप्रेल से योजना का लाभ मिलना था, लेकिन सीकर शहर में अब भी 1800 घरों में पानी की रीडिंग के लिए मीटर नहीं लगे है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो