सीकरPublished: Jan 31, 2023 12:27:47 pm
Ajay Sharma
खेल मंत्रालय से सम्बद्ध खेलों के खिलाडिय़ों की बदले नियमों से टूटी रही आस
खिलाडिय़ों का आरोप: चहेते खेल संगठनों को फायदा पहुंचाने के लिए बदले नियम
पत्रिका स्पॉटलाइट स्टोरी
अजय शर्मा. सीकर.
खेल कोटे के नाम पर राज्य सरकार खिलाडिय़ों से छलावा करने पर तुली है। पिछले साल सरकार के खेल कोटे के गुपचुप तरीके से बदले हुए नियमों से प्रदेश के पांच हजार से अधिक खिलाड़ी अभी भी परेशान हैं। खिलाड़ी योग्य होते हुए भी नौकरी से बाहर का रास्ता देखने पर मजबूर है। दूसरी तरफ सरकार की ओर से आउट ऑफ टर्न के जरिए 400 से अधिक खिलाडिय़ों को नौकरी देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन खेल मंत्रालय से सम्बद्ध खेल संगठनों की नौकरी की राह नहीं खोली जा रही है। चुनावी साल में सरकार की ओर से खिलाडिय़ों की पीड़ा कई बार मुख्यमंत्री से लेकर खेल मंत्री ने सुन ली। लेकिन खिलाडिय़ों को राहत अभी तक नहीं मिली है। अब खेल मंत्रालय से सम्बद्ध खेल संगठनों के खिलाडिय़ों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। खिलाडिय़ों का आरोप है कि चहेते खेल संगठनों को फायदा पहुंचाने के लिए कुछ अधिकारियों शह पर नियमों में बदलाव किया गया। दूसरी तरफ केन्द्र सरकार की ओर खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त के 64 खेलों के खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरियों में दो फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। लेकिन राज्य सरकार इन खेलों के खिलाडिय़ों को तरहीज नहीं दी रही है।