इस दौरान सौहेल के गले में रस्सी का क्रॉस फंदा बन जाने से उसका दम घुट गया और बेहोश होकर फर्श पर गिर गया। साथ में खेल रहे बच्चों ने सोचा कि सौहेल मजाक कर रहा है। लेकिन, वह काफी देर तक वह हिला नहीं तो बच्चों ने इसकी जानकारी परिजनों को दी। इसके बाद परिजन उसे लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने सौहेल को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने उसके शव को दफना दिया।
किसानों को दिया झटका: बंद कर दिया खरीफ अभियान
सीकर. फसलों की बुवाई करने से पहले किसान अब सरकार के भरोसे नहीं रहे। वजह खरीफ सीजन में चलने वाले अभियान को बंद कर दिया है। ऐसे में किसानों को खेती संंबंधी तकनीकी व उन्नत बीजों की जानकारी नहीं मिल पाएगी। हालांकि पूर्व में कृषि विभाग मई से जून माह तक खरीफ अभियान चलता था, इस दौरान विभाग की ओर से बीज रथ रवाना कर ग्राम पंचायतों में शिविर लगाए जाते थे। किसानों को तकनीकी जानकारी देने के अलावा मिनीकिट भी बांटे जाते थे।
इसलिए किया बंद
जिले की सभी ग्राम पंचायतों में रबी और खरीफ सीजन से पूर्व लगाए जाते थे। इन शिविरों में पशुपालन, उद्यान, डेयरी, सहकारिता, कृषि अनुसंधान केन्द्र, राजस्व, बैंक के प्रतिनिधि या अधिकारियों की मौजूदगी जरूरी थी। शिविर के दौरान संबंधित विभाग के अधिकारी शिविर में नहीं आते थे इस कारण शिविर का लाभ नहीं मिल पाता था। इस कारण कृषिविभाग मुख्यालय ने इन शिविरों को लगाना ही बंद कर दिया।
ये था फायदा
बुवाई से पूर्व करीब एक माह तक चलने वाले अभियान के दौरान किसानों को उपज बढाऩे, उर्वरकों के प्रयोग, बीज की गुणवत्ता संबंधी जरूरी जानकारी दी जाती थी। इसके अलावा विभाग की सभी योजनाओं की जानकारी गांव में ही मिल जाती थी। चितावा के श्रवणलाल ने बताया कि कृषि विभाग की अनुदान योजनाओं व बीजों के बारे में बताया जाता था। अब इन शिविरों को बंद कर सारी प्रक्रिया ऑनलाइन करने से ई मित्र कियोस्क पर जाते हैं लेकिन तब तक योजना की अवधि ही निकल जाती है।